
foreign policy of Narendra Modi government After Modi 3.0
Modi 3.0: भारत, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार दुनिया के बीच खड़ा होने जा रहा है। अपने पहले दो कार्यकाल में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारत को उस स्थिति में लाकर रखा है जहां पहुंचने का सपना भारतीय सिर्फ देखते ही थे लेकिन आज, जब भारत दुनिया की सियासत का केंद्र बन चुका है, दुनिया के बड़े-बड़े देश हर बड़े मुद्दे और हर बड़े फैसले के लिए भारत का मुंह देखते रहते हैं, तब समझ आ जाता है कि भारत की इमेज इन 10 सालों में कितनी निखरी है। खुद नरेंद्र मोदी एक लोकप्रिय ग्लोबल लीडर (Global Leader) के तौर पर स्थापित हो चुके हैं। दुनिया ने उनकी विदेश नीति, दुनिया की शांति-सद्भाव को लेकर उनके संकल्प का लोहा माना है।
अब बारी है नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल (Modi 3.0) की..जिस पर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें होंगी, दुनिया ये देखने को बेताब है कि आखिर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अब कौन सी वो रणनीति बनाएंगे जो इस विश्व को शांति के रास्ते पर ले जाएगा साथ ही भारत को कैसे और ज्यादा मजबूती और ताकत के साथ विश्व पटल पर रखेगा। तो हम आपको यहां पर नरेंद्र मोदी की आने वाली सरकार के वो 18 संकल्प बताने जा रहे हैं जो बीजेपी ने चुनाव लड़ने से पहले अपने घोषणापत्र में शामिल किए थे, जिनपर सरकार के बाद होने वाले प्रधानमंत्री मोदी धुआंधार काम करेंगे।
दुनिया के कई देशों, खासकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया (South East Asian Countries)) में भगवान श्रीराम और उनके आदर्शों को माना जाता है। भारत सरकार दुनिया के सभी देशों में श्रीराम (Shri Ram) मूर्त और अमूर्त विरासत को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेगी। साथ ही अयोध्या में रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा की याद में दुनिया भर में रामायण का उत्सव मनाएगी।
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) में अपने लिए स्थायी सीट हासिल करने के लिए पुरजोर आवाज़ उठाएगा।
दुनियाभर में अपनी दहशतगर्दी मचा रहे आतंक (India Against Terrorism)से निपटने के लिए दुनिया के देशों को एक मत पर लाने के लिए भारत प्रतिबद्ध होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक मंच से नो मनी फॉर टेरर (No money for Terror) यानी आतंक के लिए कोई फंडिंग नहीं पर सभी को एक साथ लाएंगे।
साल 2014 के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेबर फर्स्ट पॉलिसी से पड़ोसी देशों समेत दुनिया के कई देशों का दिल जीता है। आगे भी उनकी ये नीति काम करती रहेगी। इसमें क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने को उनकी पहली प्राथमिकता में रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने व्यापारिक हितों को साधने और उन्हें बढ़ावा देने कि लिए महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित IMEC की स्थापना का संकल्प लिया है। इस IMEC का पूरा नाम India Middle East Europe Economic Corridor यानी भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (गलियारा) है। भारत से शुरू होकर व्यापार के मद्देनज़र प्रमुख मध्य-पूर्व के देशों से होते ये गलियारा यूरोप को जाएगा। जिससे भारत से व्यापार में बेहद आसनी आ जाएगी। इस गलियारे से भारत, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका से बिना रोक-टोक के व्यापार करेगा।
तीसरी सरकार (Modi 3.0) बनने के बाद भारत ग्लोबल साउथ की आवाज़ को और बुलंद करेगा। इसमें PM मोदी के 5-S विजन होंगे जिनमें सम्मान, सहयोग, शांति, समृद्धि, संवाद शामिल है।
दूसरे देशों में आने वाली आपदाओं के दौरान भारत उस देश के साथ खड़ा होने वाला पहला देश होगा। ये भारत की फर्स्ट रिस्पॉंडर की नीति दर्शाएगा।
भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Area) के देशों के साथ अपनी मजबूत साझेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोेदी अपने विदेश दौरों में सबसे ज्यादा फोकस प्रवासी भारतीयों पर रखते हैं और उन्हें भारत के विकास में सहयोगी बनने को कहते हैं। भारत का ये संकल्प है कि आने वाले समय में इन प्रवासी भारतीयों को उन देशों के साथ भारत के पारस्परिक, सांस्कृतिक आर्थिक रिश्तों को बढ़ाने मेें भागीदार बनाया जाए।
औपनिवेशिकता के दौर में भारत से बाहर के देशों में ले जाई गई भारतीय मूर्तियों और कलाकृतियों को वापस भारत लाने के लिए प्रतिबद्धता से सरकार काम करेगी।
भारत सरकार विश्व के कई देशों में भारत की प्राचीन पद्धति योग (Yoga) और आयुर्वेद संस्थानों को सुविधा देंगे वो इन संस्थान के पाठ्यक्रम में योग और आयुर्वेद से जुड़ी हुए सामग्री देंगे।
दुनिया में भारत का कल्चर अब अपनाया जा रहा है। जिसमें योग, आयुर्वेद, भाषा, संगीत भी शामिल है। आने वाली मोदी सरकार इन्हीं की ट्रेनिंग के लिए दुनिया भर में तिरुवल्लुवर सांसकृतिक केंद्रों की स्थापना करेगी। जिससे विश्व भर में भारत की ये संस्कृति विस्तार लेगी।
दुनिया को आतंक, आपदा, जैसी मुश्किलों से बचाने के लिए भारत लगातार अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन (International Alliance) पर जोर देता आया है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। जिसमें सौर गठबंधन, कोलिएशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर, वन फ्यूचर अलायंस, ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस जैसे गठबंधन शामिल हैं।
साल 2014 के बाद भारत में जो डिजिटल क्रांति आई है उसे भारत पूरी दुनिया में विस्तार देगा। हाल ही में श्रीलंका (Shri Lanka) और नेपाल में भारत के UPI टांजैक्शन की शुरुआत होना इसी का उदाहरण थे।
भारत के हितों को आगे बढ़ाने के लिए अपने मिशन और डिप्लोमेट्स का विस्तार कर एक नेटवर्क तैयार करेंगे ताकि दूर के देशों से भी भारत की मौजूदगी रहे।
भारत सरकार दुनिया भर के बड़े संस्थानों में अपने देश की प्राचीन शास्त्रीय भाषाओं को विश्व भर में फैलाने के लिए वहां पर अध्ययन की सुविधा करवाएगा।
भारत खनिजों की आसानी से उपलब्धता को लेकर वैश्विक साझेदारी पर जोर देगा। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन, खनन और प्रोसेसिंग की तकनीक सुरक्षित रहेगी।
मोदी सरकार आने वाले इन 5 सालों में भारतीय सभ्यता के स्मारकों और जगहों को फिर से स्थापित और उन्हें जीवित करने के लिए दूसरे देशों के साथ सहयोग करेगी।
Published on:
07 Jun 2024 01:09 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
PM नरेन्द्र मोदी
