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NRI Special : Ramadan 2024 में मक्का मदीना में भी रोज़े रखने के साथ इबादत कर रहे कई रोज़ेदार

रमज़ान (Ramadan 2024) के महीने की रौनकें खाड़ी देशों में भी नज़र आ रही हैं। अरब (UAE news in hindi )के नागरिकों के साथ—साथ भारतवंशी (nri news) रोज़ेदार भी अपने कामकाज के साथ रोज़े (fast) रख रहे और इबादत कर रहे हैं। वे नमाज़ , रोज़े व कुरान पाठ के ज्यादा पाबंद हैं। भारत से खाड़ी देशों में गए भारतवंशी रोज़ेदारों से बात की तो यह तथ्य सामने आया। उनका कहना था कि बहुत से रोज़ेदार पूरे रमज़ान मक्का (Mecca) और मदीना (Madina) में रोज़े रख कर इबादत करते हैं और वे इसे अपनी खुशक़िस्मती समझते हैं।

नई दिल्लीMar 12, 2024 / 01:09 pm

M I Zahir

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विख्यात भारतवंशी ( nri news in hindi ) साहित्यकार डॉ. अफ़रोज़ आलम ( Dr.Afroz Alam) ने कुवैत से बताया कि रमज़ान (Ramadan 2024) के महीने में धार्मिक क्रियाओं के हवाले से तो भारत (latest nri news in hindi ) और अरब (Arab news in hindi)में रोज़े रखने में कोई भेद नहीं है, लेकिन खाड़ी देशों (UAE news in hindi) में इबादत को अधिक महत्व दिया जाता है। आम दिनों के मुक़ाबले यहां रमज़ान के दिनों में दिन के साथ साथ रात को भी रौनक़ में इज़ाफ़ा हो जाता है। मस्जिदों और बाज़ारों में सेहरी (Sehri )और रोज़ा (Roza) खोलने का इंतज़ाम होता है।
इबादतगाहों में रौनक़

उन्होंने बताया कि एशियाई देशों की तरह यहां भी रोज़ेदार जल्दी उठते हैं और महिलाएं रात के पिछले पहर से ही सेहरी पकाना शुरू कर देती हैं। एशियाई देशों की तरह यहां भी रोज़ेदार सेहरी कर के सुबह फ़ज्र की नमाज़ अदा करते हैं और क़ुरान शरीफ़ की तिलावत करते हैं। वे दोपहर बाद ज़ुहर की नमाज अदा करते हैं। उसके बाद अस्र की नमाज़ अदा की जाती है और शाम को रोज़ा खोलने के फौरन बाद मग़रिब की नमाज अदा की जाती है। रोज़ा खोलने और मग़रिब की नमाज़ के वक़्त इबादतगाहों में रौनक़ नज़र आती है।
रोज़ेदार‌ नमाज़ियों की आमद

डॉ. अफ़रोज़ आलम ( Dr.Afroz Alam) ने बताया कि रमज़ान के महीने में इशा की नमाज के बाद एक विशेष इबादत वाली नमाज अदा की जाती है,जिसे तरावीह कहते हैं। इशा से तरावीह तक लगभग डेढ़— दो घंटे इबादत की जाती है। तरावीह की नमाज़ के दौरान पूरे महीने सिलसिलेवार क़ुरान शरीफ़ सुनाया जाता है। दिन की पांचों नमज़ें तो इमाम अदा करवाते हैं, लेकिन क़ुरान हाफ़िज़ पूरे महीने क़ुरान सुनाते हैं। वह प्रशिक्षित व दीक्षित आलिम जिसे पूरा कुरान सही सही उच्चारण के साथ कंठस्थ होता है, उसे हाफ़िज़ कहते हैं।
हाफ़िज़ों के उच्चारण में अरबिक एसेंट

उन्होंने बताया कि अरब के हाफ़िज़ों के उच्चारण में अरबिक एसेंट होता है, जो बेहतर माना जाता है। उन्होंने कुवैत के फरवानिया ब्लॉक 3 की मस्जिद में रोज़ेदार‌ नमाज़ियों की आमद शुरू होने पर वहां की तस्वीर भेजी है। उल्लेखनीय है कि आम तौर पर जिन देशों की सीमा फारस की खाड़ी के साथ मिलती है,उन्हें खाड़ी देश कहा जाता है। जब खाड़ी देशों की बात की जाती है तो इसमें मुख्य रूप से कुवैत (Kuwait) , ओमान (Oman) , सऊदी अरब (Saudi Arab), संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) , क़तर ( Qatar) और बहरीन (bahrain) शामिल हैं।

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