
Iran-India relationship
Iran President Death: ईरान के साथ भारत के संबंध कितने मजबूत हैं इसका पता इसी से चल गया जब भारत ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) के निधन पर एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था और अब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने खुद ईरान जाकर दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को श्रद्धांजलि दी। जिनकी 19 मई को अजरबैजान से लौटते वक्त विदेश मंत्री होसैन अमीर-अमीर-अब्दुल्लाहियन और 7 और लोगों के साथ हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर से भी मुलाकात की। X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में, भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने लिखा, "उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तेहरान में ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मोखबर से मुलाकात की। जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के निधन पर संवेदना व्यक्त की।"
राष्ट्रीय शोक और उपराष्ट्रपति को ईरान (Iran) भेजकर भारत ने ईरान के साथ अपने मजबूत संबंधों का उदाहरण दिया है। ईरान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों (Iran-India Relationship) का इतिहास वैसे तो सैकड़ों साल पुराना है। दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और कनेक्टिविटी सहयोग, सांस्कृतिक और सियासी मजबूती इनके संबंधों को आगे बढ़ा रही है।
भारत और ईरान ने 15 मार्च 1950 को मैत्री संधि की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने अप्रैल 2001 में ईरान की यात्रा की थी। इसके बाद राष्ट्रपति सैय्यद मोहम्मद खातमी ने 2003 में भारत की यात्रा की थी। दोनों बार दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर साइन किए थे। भारत और ईरान के बीच संसदीय अध्यक्ष स्तर की दो यात्राएं हो चुकी हैं। 2011 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार (Meera Kumar) ने ईरान का दौरा किया था। इसके बाद 2013 में मजलिस (ईरानी संसद) के अध्यक्ष डॉ. अली लारिजानी ने भारत की यात्रा की थी।
मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की ईरान यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिला। तब दोनों देशों के बीच 12 समझौते हुए थे। यात्रा के दौरान भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार, परिवहन और विस्तार पर त्रिपक्षीय समझौते भी हुए थे। तत्कालीन राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने फरवरी 2018 में भारत का दौरा किया था। तब दोनों देशों के बीच 13 समझौते हुए थे।
भारत और ईरान के मजबूत संबंधों के बीच व्यापार सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। बीते कुछा सालों में भारत ईरान के 5 सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक रहा है। ईरान को प्रमुख भारतीय निर्यात में चावल, चाय, चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, मानव निर्मित स्टेपल फाइबर, विद्युत मशीनरी, आर्टिफिशिएल ज्वैलरी शामिल हैं। जबकि ईरान से प्रमुख भारतीय आयात में सूखे मेवे, अकार्बनिक/कार्बनिक रसायन, कांच के बर्तन शामिल हैं।
Updated on:
23 May 2024 12:31 pm
Published on:
23 May 2024 12:30 pm
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