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चीन लगा रहा भारत की साइबर सुरक्षा में सेंध! सिर्फ 4 महीने में देश को हुआ 7 हजार करोड़ का नुकसान

Cyber Crime: भारत में होने वाली साइबर ठगी की 45 फीसदी घटनाओं को दक्षिण एशिया देशों थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में सक्रिय संगठित साइबर अपराधी अंजाम दे रहे हैं। आशंका है कि इन अपराधों में चीन का भी हाथ हो सकता है। खास बात है कि चीन में भी कई लोग ऐसे घोटालों के शिकार हैं।

नई दिल्लीMay 24, 2024 / 09:33 am

Jyoti Sharma

China is making a dent in India's cyber security

China is making a dent in India’s cyber security

Cyber Crime: भारत सहित दक्षिण पूर्वी एशिया के देश साइबर अपराधियों के नए ठिकाने बन गए हैं। भारत इन अपराधियों के खास निशाने पर है। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (ICCCC) के मुताबिक भारत में इस साल जनवरी से अप्रेल तक चार माह में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ठगी की 7,40,000 शिकायतें दर्ज की गई। इनमें 7061.51 करोड़ रुपए की ठगी की गई। इस दौरान डिजिटल अरेस्ट, निवेश और डिजिटल गेमिंग के माध्यम से साइबर ठगी को अंजाम दिया गया। 

दक्षिण एशिया में बैठे हैं अपराधी

खास बात यह है कि भारत में होने वाली साइबर ठगी (Cyber Crime In India) की 45 फीसदी घटनाओं को दक्षिण एशिया देशों थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में सक्रिय संगठित साइबर अपराधी अंजाम दे रहे हैं। गृह मंत्रालय के तहत आने वाले आइ4सी के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, पूर्वी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों में छोटी-मोटी ठगी करने वाले साइबर ठग अब भी सक्रिय हैं, लेकिन दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में सक्रिय अपराधी संगठित गिरोह की तरह बड़ी साइबर ठगी को अंजाम देते हैं। ये गिरोह एक-एक शिकार से करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। ठगों ने इन देशों में बड़े-बड़े कंपाउंड बना रखे हैं, जहां हजारों भारतीय भी काम करते हैं। इनमें अधिकांश भारतीयों को नौकरी का झांसा देकर लाया जाता है और उन्हें जबरन साइबर ठगी के काम में लगा दिया जाता है।

हर दिन 7000 शिकायतें

साइबर ठगी (Cyber Crime) के मामलों में बढ़ोतरी इतनी तेजी से हुई है कि हर दिन अकेले साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7000 से अधिक शिकायतें दर्ज होती हैं। इन मामलों को लेकर केंद्र सरकार भी चिंतित है। इन मामलों से निबटने के लिए सरकार ने गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें इससे संबंधित कई विभागों के सचिव शामिल हैं।

सिर्फ 812 करोड़ ही बचाए जा सके

पिछले चार महीने में 7061.51 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई, जिनमें से केवल 812.72 करोड़ रुपए ही बैंकिंग चैनल से बचाए जा सके। आइ4सी के मुताबिक साइबर ठगों द्वारा लंबे समय तक ठगी जारी रखने के कारण अधिकतर रकम देश से बाहर जा चुकी होती है। ठगी का शिकार व्यक्ति जब तक शिकायत करता है, जब तक बैंकिंग चैनल में बहुत कम रकम बची होी है।

चीन का भी हो सकता है हाथ

आइ4सी के मुताबिक इन अपराधों में इस्तेमाल किए जाने वाली कई वेब एप्लीकेशन मंदारिन भाषा में लिखी होती हैं। ऐसे में आशंका है कि इन अपराधों में चीन का भी हाथ हो सकता है। खास बात है कि चीन में भी कई लोग ऐसे घोटालों के शिकार हैं।

ऐसे बढ़ा शिकायतों का आंकड़ा

वर्ष शिकायतें

2024 (30 अप्रेल तक) 740,000

2023 1560000

2022 966,000

2021 452,000

2020 257,000

2019 26,049

3.25 लाख से अधिक बैंक अकाउंट फ्रीज

पिछले चार माह ठगी में इस्तेमाल किए 3.25 लाख से अधिक बैंक अकाउंट को फ्रीज किए गए हैं। इसी तरह से 3000 से अधिक यूआरएल और 595 एप को ब्लाक किया गया है। पिछले साल जुलाई से अभी तक 5.3 लाख सिम कार्ड और 80,848 आइएमइआइ नंबर वाले मोबाइल भी बंद किए जा जा चुके हैं। यही नहीं पिछले दो महीने में 3401 सोशल मीडिया अकाउंट, व्हाट्सएप ग्रुप और वेबसाइट को भी बंद किया गया है।

कंबोडिया में किया था प्रदर्शन

पिछले दिनों कंबोडिया के सिहनौक शहर में स्थित साइबर ठगी के कमाउंड में काम करने वाले 150 भारतीयों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिनमें से 60 को कंबोडिया की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब इन सभी को भारत वापस लाया जा रहा है। इसके पहले भी साइबर ठगों के चंगुल से 360 भारतीयों को छुड़ाकर भारत लाया जा चुका है। समस्या यह है कि एजेंसियों की तमाम प्रयासों के बावजूद साइबर ठगों के पास पहुंच गई रकम को पकडऩे में बहुत कम कामयाबी मिल पा रही है।

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