
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के कभी बेहद करीब माने जाने वाले अमर सिंह ने बुधवार को अपने धुर विरोधी आजम खान के खिलाफ नरम रुख अपनाकर सबको चौंका दिया। अमर सिंह ने कहा कि आजम और सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के साथ उनके कोई मतभेद नहीं हैं।लखनऊ पहुंचे आजम ने बुधवार को एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में सपा सुप्रीमो की तारीफ में कसीदे पढ़े और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मतभेदों की बात से इंकार किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जयाप्रदा का सपा से एमएलसी बनने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में वह लखनऊ से वोटर बनेंगी और रामपुर से उनका कोई संबंध नहीं रह जाएगा।अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह ने उन्हें सलाह दी है कि जो आलोचना करनी है, घर में करिए। सार्वजनिक मंच से आलोचना करने पर दूसरी पार्टी के लोग इसका नाजायज फायदा उठाते हैं। मुलायम सिंह उनके बड़े भाई थे और रहेंगे।
सपा के पूर्व नेता ने कहा कि मुलायम सिंह नीलकंठ हैं और सबकुछ जानने के बाद भी शांत रहते हैं, जबकि मैं कुछ भी बुरा सुनने पर रिएक्ट कर जाता हूं।पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से उनके राजनीतिक नहीं पारिवारिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे घर पर बैठे रहेंगे तब भी उनके संबंध इन तीनों से बने रहेंगे।
सपा में शामिल होने के सवाल को उन्होंने कोरी कल्पना बताया। उन्होंने कहा कि आजम खान और रामगोपाल से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। रामगोपाल मुलायम सिंह के भाई हैं और ऐसा नहीं हो सकता कि वे मुलायम सिंह से प्रेम करें और उनके भाई से नफरत।
स्वयं को मुलायम सिंह का क्राइसिस मैनेजर बताए जाने और निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के मामले पर अमर सिंह ने कहा कि मुझसे बड़े क्राइसिस मैनेजर तो प्रमोद तिवारी हैं, जिन्होंने उस अधिकारी (अमिताभ ठाकुर) को वर्दी उतारकर राजनीति में आने की चुनौती दी है। मुलायम सिंह का यह तकिया कलाम है कि 'सुधर जाओÓ। उस अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनने का नाटक किया ताकि मुलायम सिंह कुछ बोलें।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नहीं, बल्कि पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन करते हैं। अमिताभ ठाकुर उन्हीं लोगों में से एक हैं।
Published on:
16 Jul 2015 02:09 am
