
बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शुरू हुई जुबानी जंग के कारण रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान को 'नो स्कूल-गोइंग मिशन' वाले देशों की कैटेगरी में रख दिया है। साथ ही केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में तैनात भारतीय राजनयिकों से कहा है कि वो अपने बच्चों को वहां के स्कूलों में पढ़ाने के बजाए भारत या किसी अन्य देश में पढ़ने के लिए भेजें।
सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
टीवी रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह सलाह दी गई है। बताया जा रहा है पाकिस्तान के पिछले शैक्षणिक सत्र में करीब 50-60 छात्र पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल स्कूलों में पढ़ रहे थे। सरकार के इस फैसले से उनपर असर पड़ेगा। भारत सरकार का फैसला मौजूदा सत्र से प्रभावी होगा।
'नो स्कूल गोइंग' मिशन
'नो स्कूल गोइंग' मिशन के तहत पति या पत्नी तो वहां रह सकते हैं, लेकिन स्कूल जाने वाले बच्चों को साथ रखने की इजाज़त नहीं होती। जानकारी के मुताबिक इस नियम से पाकिस्तान में पढ़ रहे हैं भारतीय बच्चे तो भारत वापस आएंगे ही, साथ ही आगे भी पोस्टिंग के लिए जाने वाले अफसर अपने बच्चों को पाकिस्तान नहीं ले जा सकेंगे।
पाक ने बताया भारत का अंदरूनी मामला
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा कि यह भारत का अंदरूनी प्रशासनिक मामला है। कश्मीर में जारी हिंसा के बाद भारत को पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों की चिंता है। साथ ही पाकिस्तान के पेशावर स्कूल में 2014 में हुआ टेरेरिस्ट अटैक भी भारत को सोचने पर मजबूर करता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान में तैनात भारतीय डिप्लोमैटिक स्टाफ से अपने बच्चों को भारत भेजने के लिए कहा गया है।
Published on:
25 Jul 2016 06:23 pm
