जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद में सोमवार को नया मोड़ आ गया। देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी पांचों छात्र बोले, वे पुलिस के सामने समर्पण नहीं करेंगे। पुलिस चाहे तो कैंपस से गिरफ्तार कर लें। आरोपित बोले, हमने कुछ गलत नहीं किया। 'डॉक्टर्ड वीडियोÓ का इस्तेमाल कर फंसाया गया है। वहीं पुनिल ने कहा कि आरोपी छात्र समर्पण करें। इसी बीच, आरोपित उमर खालिद की दिल्ली हाईकोर्ट में सरेंडर करने दिल्ली हाईकोर्ट में सरेंडर करने की याचिका पर तकनीकी कारणों से सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। वह मंगलवार को फिर अर्जी देगा।
खालिद ने कोर्ट में कन्हैया पर हमले का हवाला देकर पुलिस सुरक्षा मांगी की। उधर, जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने काह कि वीसी जगदीश कुमार ने आश्वासन दिया कि पुलिस कैंपस में नहीं घुसेगी। एसोसिएशन ने वीसी को ज्ञापन सौंप छात्रों का निलंबन रद्द करने की मांग की। मालूम हो, आरोपी छात्रों ने रविवार रात जेएनयू पहुंचे सभा की। छात्रों के कैंपस में होने की खबर के बाद परिसर के बाहर तैनात पुलिस ने कहा, वे कुलपति से कहेंगे कि छात्रों से समर्पण को कहें।
जांच में मदद को लौटे आरोपित
आरोपी छात्र आशुतोष ने कहा, वे जांच में मदद के लिए कैंपस लौटे हैं। मैं, रामा, अनिर्बन व अनंत आसपास थे पर भीड़ के पीट पीटकर मारने पर उतारू माहौल की वजह से सामने नहीं आए। वे चारों उमर के संपर्क में नहीं थे। आरोपी उमर ने मीडिया व सरकार पर हमला बोला। कहा-मेरा नाम उमर खलिद जरूर है पर मैं आतंकी नहीं हूं। मीडिया ने मुझे आतंकी की तरह पेश किया। उमर ने कहा, यह लड़ाई देशभर के सभी छात्रों की है।
10 को सुनवाई
पटियाला हाउस कोर्ट में वकीलों के हंगामे और कन्हैया से मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली पुलिस और 6 वकीलों की कमेटी द्वारा दायर रिपोर्ट देखी। सभी पक्षों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि पैनल, हाईकोर्ट और पुलिस रिपोर्ट में कुछ भी विस्फोटक नहीं आया। जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने रिपोर्ट सार्वजिनक करने को कहा। कोर्ट सभी पक्षों को सुनकर आदेश देगा। सुनवाई 10 मार्च तक टाल दी गई।
जंग से मिले बस्सी
इस बीच, पुलिस कमीश्नर बीएस बस्सी ने उप राज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की। कहा-पूरे मामले में तसल्ली से कार्रवाई होगी। वहीं छात्रसंघ उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा, आरोपित पुलिस को जांच में सहयोग करेंगे।
कार्रवाई की मांग
छात्र संगठन एबीवीपी ने वीसी से मांग की, देशविरोधी गतिविधियों में शामिल छात्रों पर कड़ी कार्रवाई करें। जेएनयू प्रशासन से उन पर सरेंडर करने का दबाव बनाने को कहा। आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों ने पढ़ाई बाधित की है।