
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ललित मोदी प्रकरण पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि राजनीतिक दलों को क्रिकेट से गंदगी साफ करने का सुनहरा मौका मिला है। अगर हमने यह मौका गंवा दिया तो हर कोई दागदार हो जाएगा और इसका नुकसान क्रिकेट को होगा। खेल की साख पर बट्टा लगेगा। तब न खेल बचेगा और न ही कारोबार।
भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ललित मोदी प्रकरण में चर्चित अपने नेताओं का मजबूती से बचाव कर रहा है। इसी बीच यह पहला मौका है जब संघ ने इस मामले में अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी है।
आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गेनाइजर वीकली' ने संपादकीय में लिखा गया है कि हाल के कुछ दिनों में आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के कई राजनेताओं के साथ संबंध उजागर हुए हैं। मोदी सरकार से ज्यादा पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को इस पर ज्यादा जवाब देने की जरूरत है क्योंकि आईपीएल घोटाला उसी के कार्यकाल में हुआ था।
संघ का कहना है कि आईपीएल को खड़ा करने में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की अहम भूमिका थी लेकिन सारी चर्चाओं में उनका कोई जिक्र नहीं है।
संपादकीय के मुताबिक ललित मोदी प्रकरण ने सभी राजनीतिक दलों को क्रिकेट की गंदगी को साफ करने का सुनहरा मौका दिया है। बीसीसीआई का कामकाज पारदर्शी होना चाहिए। मुखपत्र ने आईपीएल के नाम पर हुए तमाम लेनदेन की व्यापक जांच की मांग करते हुए कहा कि बेशक क्रिकेट का खेल लोगों का जुनून बन गया था लेकिन इसका व्यावसायीकरण आईपीएल के प्रयोग के बाद ही हुआ।
उल्लेखनीय है कि विपक्ष प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे ललित मोदी की मदद करने के आरोप में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रहा है। कांग्रेस ने ललित मोदी के साथ उनके व्यावसायिक रिश्तों के बारे में कुछ दस्तावेज भी जारी किए हैं।
ललित मोदी रोज ट्वीट करके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, रॉबर्ट वाड्रा, भाजपा सांसद वरुण गांधी समेत कई शख्सियतों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं।
Published on:
06 Jul 2015 10:17 pm
