10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘मेक इन इंडिया’ के लिए 66,000 विदेशी राइफलों का टेंडर रद्द 

सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बल देने के मकसद से सेना के जवानों के लिए दो दशक पुरानी स्वदेश निर्मित 'इन्सास' राइफलों की जगह 66 हजार नई आधुनिक राइफलें आयात करने के लिए जारी की गई वैश्विक निविदा रद्द कर दी है। 

2 min read
Google source verification

image

kartikey tiwari

Jul 05, 2015

सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बल देने के मकसद से सेना के जवानों के लिए दो दशक पुरानी स्वदेश निर्मित 'इन्सास' राइफलों की जगह 66 हजार नई आधुनिक राइफलें आयात करने के लिए जारी की गई वैश्विक निविदा रद्द कर दी है।

रक्षा मंत्रालय ने अब फैसला किया है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के शस्त्र अनुसंधान एवं विकास स्थापना की प्रयोगशाला में विकसित 'फ्यूचर इन्सासÓ राइफलों को पुरानी इन्सास राइफलों की जगह लाया जाएगा।

सेना के सूत्रों ने बताया कि इस कदम से जहां एक ओर सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए की बचत होगी वहीं दूसरी ओर स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा भी मिलेगा।

सेना के एक उच्च अधिकारी ने बताया, ''हमने अपने बलबूते एक विश्वसनीय राइफल बना ली है। हम इस स्वदेशी हथियार के विकास के मौके का भरपूर लाभ उठाएंगे। हमारे पास इन्सास के इस्तेमाल का न्यूनतम से कहीं अधिक अनुभव है।''

उन्होंने कहा ''ऐसा नहीं है कि हमने कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की हो, पर हमें समझना चाहिए कि कम से कम आग्नेयास्त्रों के विकास के मामल में तो भारत किसी से कम नहीं है।''

रक्षा मंत्रालय ने 25 करोड़ रुपए की लागत से 5.56 मिलीमीटर की असॉल्ट राइफलें खरीदने के प्रस्ताव मंगाने के लिए अनुरोध यानी निविदा जारी की थी। सेना को 1990 के दशक में शामिल की गई पुरानी इन्सास राइफलों की जगह 5.56 मिलीमीटर की नई असॉल्ट राइफलों की सख्त आवश्यकता है।

वैश्विक निविदा में नई राइफलों के आयात के साथ- साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का भी प्रावधान रखा गया था ताकि इसी लाइसेंस के अंतर्गत उनका स्वदेश में निर्माण करके भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके। लेकिन अब सेना स्वेदशी नई राइफलों के परीक्षणों से खासी उत्साहित है, जिसके नतीजे बहुत ही शानदार रहे हैं।

सेना के अधिकारी ने बताया कि नई 'त्रिची असॉल्ट राइफल में विदेशी एके राइफलों की तुलना में अधिक खूबियां हैं। यह हमारे लिए बेहद उपयुक्त समय है कि हम यांत्रिक इंजीनियङ्क्षरग में कुछ और प्रगति करें।

मेक इन इंडिया का रास्ता प्रशस्त करने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा यह दूसरा बड़ा रक्षा टेण्डर रद्द किया गया है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने सेना एवं वायुसेना के लिए 197 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद का प्रस्ताव रद्द कर दिया था। इन हेलीकॉप्टरों की कमी स्वदेशी उपक्रमों से पूरी की जाएगी।

ये भी पढ़ें

image