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खादी में ‘नेहरू’ बीती बात, अब ‘मोदी जैकेट’ का जलवा

चुनाव में चली 'मोदी लहर' का असर अब खादी पर भी साफ  नजर आने लगा है। प्रदेश के खादी केंद्रों की मानें तो खादी में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्रेज चरम पर है।

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Arif Mansuri

Feb 10, 2016

चुनाव में चली 'मोदी लहर' का असर अब खादी पर भी साफ नजर आने लगा है। प्रदेश के खादी केंद्रों की मानें तो खादी में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का क्रेज चरम पर है। स्थिति यह है कि सालों से खादी में चल रही 'जवाहर जैकेट' की जगह अब 'मोदी जैकेट' ने ले ली है। मोदी जैकेट की डिमांड को देखते हुए खादी केंद्रों ने जवाहर जैकेट का उत्पादन तक बंद कर दिया है। वहीं कुर्तों में भी मोदी कुर्तों की मांग ज्यादा है।

बनावट का है अंतर
मोदी जैकेट और जवाहर जैकेट में कोई खास अंतर नहीं है। केवल बनावट में थोड़ा फर्क है। मोदी जैकेट में जूट का उपयोग कर उसे स्टाइलिश बनाया गया है। यह नया लुक ही अब नया फैशन है। वहीं जवाहर जैकेट में ऊन का उपयोग होता था। युवाओं में क्रेज खादी के सूती और ऊनी दोनों तरह के उत्पादों को लेकर युवाओं की सोच में बदलाव आया है। अब युवा खादी पसंद करने लगे हैं, जिसके चलते खादी के बाजार में पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार के खादी केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए फैशन जगत से जुड़े लोगों को इसमें प्रयोग करने के लिए कहा गया।

जयपुर में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही सोनल का कहना है कि पहले खादी फीके रंगों के कारण नई पीढ़ी को पसंद नहीं आती थी, लेकिन अब डिजाइनर्स ने खादी परिधानों में नए प्रयोग किए हैं, जो युवाओं को पसंद आ रहे हैं।

जवाहर जैकेट और मोदी जैकेट में कोई खास अंतर नहीं है, लेकिन लोग मोदी जैकेट की डिमांड ज्यादा करते हैं। जवाहर जैकेट फिलहाल नहीं बनाई जा रही है। - राकेश गुप्ता, प्रबंधक खादी केन्द्र ,एमआई रोड