ताजमहल मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष इब्राहीम हुसैन जैदी ने आगरा प्रशासन के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें ताजमहल में बाहरी मुस्लिमों के नमाज पढ़ने पर रोक लगाई गई थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई, 2018 को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और लोग दूसरी मस्जिदों में भी नमाज पढ़ सकते हैं।
ये बोले इब्राहीम हुसैन जैदी
इब्राहीम हुसैन जैदी ने बताया कि आगरा प्रशासन ने सुरक्षा कारण का जो हवाला दिया था, वो तर्कसंगत नहीं है। जब ताजमहल में नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं, तो उस समय नमाजियों का पहचान पत्र आदि देखा जाता है। यदि सुरक्षा ही सवाल है, तो कोई जब टिकट लेकर जाए, तो उससे सुरक्षा की क्या गारंटी है। पर्यटकों से अधिक कड़ी प्रक्रिया से ताजमहल में प्रवेश के लिए नमाजियों को गुजरना पड़ता है। ताजमहल पर आए इस आदेश के बाद अब रिव्यू पिटीशन की तैयारी है।