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गुजरात हाईकोर्ट में जजों की कम संख्या के मुद्दे पर वकीलों की रैली

मार्च फॉर जस्टिस...

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Advocates of Guj HC staged march for justice on less Judges issue

अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन (जीएचएए) की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में जजों की कम संख्या के मुद्दे पर शुक्रवार को रैली (मार्च फॉर जस्टिस) आयोजित की गई।
एसोसिएशन के अध्यक्ष असीम पंड्या, सचिव पी. ए. जाडेजा, पुनीत जुनेजा सहित अन्य पदाधिकारी सहित कई वकील गांधी आश्रम पर एकत्र हुए। यहां से प्रतीकात्मक रूप से इन वकीलों ने दांडी ब्रिज तक प्ले कार्ड व बैनरों के साथ मार्च किया। फिर यहां से ये सभी गुजरात उच्च न्यायालय पहुंचे। उच्च न्यायालय पहुंचकर इन वकीलों ने हाईकोर्ट के गेट पर प्ले कार्ड व बैनरों के साथ प्रदर्शन किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष पंड्या ने बताया कि उच्च न्यायालय में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 52 की जगह फिलहाल 28 जज हैं। वर्ष के अंत तीन और जज रिटायर हो जाएंगे। इसलिए जजों की संख्या काफी कम है जिस कारण आम लोगों को न्याय मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उधर एसोसिएशन की ओर से एैच्छिक घोषणा के कारण अधिकांश वकील अदालती कामकाज से अलग रहे। बताया जाता है कि करीब 300 वकीलों ने अपनी लीव नोट तथा 250 वकीलों ने सीक नोट रखी थी। इस तरह करीब 600 वकीलों ने विभिन्न प्रकार के लीव या सीक नोट लगाई थी। गत 6 अप्रेल को एसोसिएशन की सामान्य सभा में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
पिछले दिनों में हाईकोर्ट के वकीलों की ओर से जजों की कम संख्या के मुद्दे पर प्रदर्शन का चौका वाकया था। इससे पहले कलकता, कर्नाटक व ओडिशा हाईकोर्ट के वकीलों ने भी इस तरह का प्रदर्शन किया था।
उधर इसी मुद्दे को लेकर वकील अमित पंचाल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। याचिका में रैली आयोजित कर मास लीव पर जाने तथा गुजरात हाईकोर्ट के किसी भी जज की अन्य हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस या सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त नहीं किए जाने के दो एजेन्डे का प्रस्ताव पारित करने को चुनौती दी गई। न्यायालय ने अगले आदेश तक नियुक्ति के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है।