
गांधीनगर. राज्य सरकार ने चिकित्सकों की 62 वर्ष की सेवानिवृत्ति के बाद और तीन वर्ष की नियुक्ति का निर्णय लिया है। इसके तहत चिकित्सा सेवा, सार्वजनिक स्वास्थ्य व चिकित्सकीय शिक्षा के तहत सेवा देने वाले चिकित्सा शिक्षकों व चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र तीन वर्ष बढ़ाते हुए 62 से 65 कर दी है। इसमें एमबीबीएस तथा पोस्ट ग्रेजुएट (एलोपेथिक) चिकित्सकों को नियुक्ति दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि राज्य के प्रत्येक नागरिकों को आसानी से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मिलने के हिसाब से राज्य सरकार ने स्वास्थ्य से जुड़ा एक अहम निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ-साथ गुजरात में भी सरकारी सेवाओं में चिकित्सकों की कमी महसूस की जा रही है। गुजरात जैसे राज्य में अधिकांश चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में जुड़ जाते हैं। इस कारण सरकारी सेवा के लिए पर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध नहीं होते हैं। इन परिस्थितियों में चिकित्सकों को तीन वर्ष ज्यादा कार्य के लिए साथ-साथ मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा के लिए सेवा में बने रहने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
इसके तहत अब 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्त चिकित्सकों को और तीन वर्ष तक पे-माइनस पेंशन की आकर्षक वेतन योजना के तहत नियुक्ति दी जाएगी। इससे प्रत्येक वर्ष सैंकड़ों की संख्या में जो चिकित्सक सेवानिवृत्त होते हैं वे भी सरकारी सेवा में कार्यरत रह सकते हैं। इसका सीधा लाभ अस्पतालों में ज्यादा चिकित्सकों के होने पर मरीजों को मिलेगा।
राज्य सरकार के इस निर्णय से राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), तहसील व जिला स्तर सहित विभिमन्न अस्पतालों में राज्य के लोगों को और ज्यादा बेहतर उपचार मिल सकेगा। इसके साथ ही राज्य के मेडिकल कॉलेजों में भी अनुभवी चिकित्सक शिक्षकों की सेवाएं ज्यादा समय तक मिल सकेगी।
पुन:नियुक्ति का पहला चरण 12 महीने का होगा
इसके लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के तहत वर्ग-1 व वर्ग-2 के चिकित्सा शिक्षकों व चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति दी जाएगी। पुन: नियुक्ति की अवधि का पहला चरण 12 महीने का रहेगा, लेकिन पुन: नियुक्ति के बाद राज्य सरकार को सीधी भर्ती या प्रमोशन से नियमित चिकित्सक उपलब्ध होने पर पुन: नियुक्ति प्राप्त चिकित्सक/चिकित्सा शिक्षकों को हटा दिया जाएगा। सेवानिवृत्ति के बाद पुन: नियुक्त प्राप्त चिकित्सा शिक्षकों/चिकित्सकों को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले वेतन को ध्यान में रखकर पे-माइनस पेंशन के आधार पर होने वाली रकम मिलेगी।
इस नियुक्ति पर नियत किए गए वेतन पर किसी भी तरह का दूसरा भत्था नहीं मिल सकेगा। साथ ही पुन: नियुक्ति के दौरान उनकी सेवा के बदले में बढ़ा हुई पेंशन, बोनस, अवकाश का नकदी में रूपांतरण, पेशगी सहित अन्य लाभ नहीं मिल सकेंगे।
नियुक्ति की समयावधि के दौरान आकस्मिक मौत होने पर संबंधित चिकित्सक की कार्य अवधि के दौरान के नियत वेतन की लेनी वाली रकम ही परिजनों को मिल सकेगा।
इस पुन: नियुक्ति के कारण ग्रामीण स्तरों पर चिकित्सक उपलब्ध होंगे और ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवा मजबूत होगी।
Published on:
11 Apr 2018 11:43 pm
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