18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाल विवाह पर हाई कोर्ट गंभीर, राज्य सरकार से मांगा जवाब

जिम्मेदार अधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा

2 min read
Google source verification
Guj HC serious on child marriage issue, notice to govt

अहमदाबाद. आगामी 28 अप्रेल को पाटण के एक गांव की बालिका के बाल विवाह रोकने की गुहार के साथ गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। न्यायाधीश जे. बी. पारडीवाला ने इस बात को पूरी तरह गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है।
न्यायालय ने पाटण पुलिस थाने के जिम्मेदार अधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा है। पाटण के पुलिस अधीक्षक इस मामले में जांच जारी रखे क्योंकि इस मामले में बाल विवाह विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत अपराध बनता है।
न्यायालय के मुताबिक यह मामला काफी गंभीर है इसलिए इस मामले में विलंब नहीं होना चाहिए। अत: इसमें कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस मामले में पाटण जिले के निवासी एक किसान पटाभाई जगमलभाई ने अपनी याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता आहिर समाज से ताल्लुक रखता है और इस समाज में होने वाले बाल विवाहों को रोकने का काम करता है। इस समाज में बैशाख सुद तेरहवीं को विवाह होता है। इस वर्ष 28 व 29 अप्रेल को यह विवाह होने हैं। इसमें एक नाबालिग का भी विवाह भी होना है। समाज के सदस्यों ने नाबालिग के पिता को जबरन विवाह नहीं कराने के बारे में काफी समझाया, लेकिन बावजूूद इसके विवाह तय किया गया है। इस गांव में नाबालिग के समान नाम की चार अन्य बालिकाएं हैं, जिसका लाभ उठाकर उसके पिता ने चाइल्ड वेलफेयर अधिकारी से जन्म का गलत प्रमाण पत्र ुपेश किया है। बाल विवाह समाज की एक कुुरीति है। इस मामले में इस विवाह को सह देने वाले प्रशासन व अधिकारियों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए।इस मामले में संज्ञेय अपराध बनता है, इसलिए इसमें शिकायत दर्ज की जानी चाहिए और जांच की जानी चाहिए। सरकारी प्रशासन की निष्क्रियता सिर्फ गैरकानूनी ही नहीं बल्कि असंवैधानिक भी है। इसलिए नाबालिग बालिका की आगामी 28 अप्रेल के बाल विवाह को रोका जाना चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।