सोमवार को कच्छ जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड की वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में यह घोषणा की। केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में हुंबल ने बताया कि डेयरी ने शुरुआत के 3 वर्ष में ही 3 लाख लीटर दूध उत्पादन और प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया।5 वर्ष में पशु आहार संयंत्र स्थापित किया। 700 मंडली वाली इस डेयरी में प्रतिदिन 2 करोड़ रुपए चुकाए जाते हैं। डेयरी का वार्षिक टर्नओवर 700 करोड़ पहुंच चुका है।
इस अवसर पर रूपाला ने कहा कि डेयरियों को पशु नस्ल सुधारने के काम में लगना होगा। उन्होंने दूध संघों से दूधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता, स्वास्थ्य, टीकाकरण सहित अन्य सुविधाएं पशुपालकों तक पहुंचाने की अपील की। साथ ही इसके लिए डेयरी संचालकों को भी इस दिशा में आगे बढऩे की बात कही। ऊंटनी के दूध से कच्छ के पशुपालकों ने अग्रिम स्थान प्राप्त किया है। इसलिए अब प्रोडक्ट के पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री वासण आहिर ने कहा कि कच्छ में भूकंप को कच्छ को खड़ा करने में पशुपालकों की अहम भूमिका रही है। कच्छ के सांसद विनोद चावड़ा ने कहा कि भूकंप के बाद कच्छ को विकासशील से विकसित जिला बनाने में पशुपालकों व सरहद डेयरी की बड़ी भूमिका है। सरहद डेयरी के मार्फत 70 हजार से ज्यादा परिवार रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी ने पशुपालकों की धनाढ्य लोगों के साथ तुलना करते हुए कहा कि पशुपालकों को अपने व्यवसाय के प्रति हमेशा सजग रहने को कहा।