
Hardik Patel: हार्दिक पटेल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता रहे हार्दिक पटेल की हिंसा के मामले में अपील पर फैसला आने तक सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि संबंधित हाई कोर्ट को सजा पर रोक लगानी चाहिए थी। इस तरह हार्दिक को बड़ी राहत मिली है।
हार्दिक को वर्ष 2018 में मेहसाणा जिले के विसनगर से जुड़ी हिंसा के मामले में निचली अदालत ने 2 वर्ष की कैद की सजा सुनाई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में अगस्त 2018 में जमानत प्रदान की थी। हार्दिक तब 2019 का लोकसभा चुनाव लडऩा चाह रहे थे लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दोषी ठहराया गया व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। इसलिए उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष सजा पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। मार्च 2019 में हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। इसके बाद हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट ने अपील याचिका दायर की।
गुजरात में इस साल के आखिर में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने वर्ष 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामलों को वापस ले लिया है। आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल समेत कई आंदोलनकारियों के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई मामले दर्ज किए गए थे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
लड़ सकेंगे चुनाव
इस फैसले के बाद हार्दिक पटेल ने कहा कि आंदोलन से जुड़े सभी मामलों को भाजपा सरकार को वापस लेना चाहिए और पाटीदार युवाओं को राहत दी जानी चाहिए। अब हार्दिक लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे। हार्दिक ने कहा कि सिर्फ चुनाव लडऩा ही उनका मक़सद नही है बल्कि गुजरात के लोगों की सेवा मज़बूती से करना ही उनका उद्देश्य है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दो साल की सजा पर रोक लगाई है जिसके लिए वे न्यायपालिका का धन्यवाद करते हैं।
Published on:
12 Apr 2022 10:20 pm
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