इस कमरे में गांधीजी के खिलाफ राजद्रोह के मुकदमे वाले आदेश के कुछ अंश भी हैं। इसमें गांधीजी को राजद्रोह की सजा सुनाने वाले जज ने यह कहा था कि गांधीजी इन आरोपों को स्वीकार कर उनका काम आसान कर रहे हैं, लेकिन आपको कितनी सजा करनी चाहिए यह तय करने का काम आसान नहीं है और उन्हें नहीं लगता कि इस देश में किसी भी जज के सामने इतना मुश्किल काम आया हो। अभी तक मैंने जो फैसला किया है या भविष्य में जो करने वाला हूं उन सब में आप एकदम अलग तरह के व्यक्ति हैं। फिर भी आप को न्याय मिले और सार्वजनिक हित भी साधा जाए, इस पर मैं कोई विचार कर रहा हूं। बाल गंगाधर तिलक को इसी मामले में सजा दी गई और मुझे लगता है कि यदि आपको भी तिलक जितनी ही सजा दूं तो तब आपको यह अनुचित नहीं लगेगा। आपको प्रत्येक अपराध के लिए दो-दो वर्ष की सजा देना मेरा कर्तव्य बनता है।
इस सजा का ऐलान करते हुए जज ने कहा था कि भविष्य में हिंदुस्तान की सरकार आपकी सजा को कम कर, आपको छोड़ दे तो उस दिन मेरे से ज्यादा खुशी किसी को नहीं होगी।
सर्किट हाउस के मैनेजर रमेश पटेल ने बताया कि यह पुराना सर्किट हाउस आजादी के पहले कोर्ट बिल्डिंग था। जिस कमरे में गांधीजी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया था उसे संरक्षित किया गया है। हर वर्ष दिसंबर से जनवरी के बीच में विदेशी पर्यटक यहां जरूर आते हैं लेकिन स्थानीय या देशी पर्यटकों को इसके बारे में कम जानकारी होने के कारण घरेलू पर्यटकों की संख्या अपेक्षाकृत कम रहती है।