30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gujarat: Justice Chandrachud ने कहा, विभिन्न तरह की आवाजों को दबाने से है भारत के बहुलवाद को खतरा

Justice DY Chandrachud, Supreme court judge, Ahmedabad, Gujarat

less than 1 minute read
Google source verification
Gujarat: जस्टिस Chandrachud ने कहा,  विभिन्न तरह की आवाजों को दबाने से है भारत के बहुलवाद को खतरा

Gujarat: जस्टिस Chandrachud ने कहा, विभिन्न तरह की आवाजों को दबाने से है भारत के बहुलवाद को खतरा

अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचुड़ ने कहा कि असहमति या विरोध को पूरी तरह राष्ट्र विरोधी या अलोकतांत्रिक करार देना संवैधानिक मूल्यों व लोकतंत्र पर चोट के समान है। उन्होंने कहा कि विरोध को दबाना और लोगों के दिमाग में भय पैदा करना व्यक्तिगत विचारों की आजादी और संवैधानिक मूल्यों से पूरी तरह उलट है। यह संवाद आधारित समाज पर एक चोट के समान है जो सभी लोगों को समान आदर प्रदान करता है। इसलिए विरोध व असहमति को स्थान दिया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि राज्य को विचारों की स्वतंत्रता को दबाने की बजाय इन विचारों की रक्षा की जानी चाहिए। साथ ही विभिन्न विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। विविध विचारों को दबाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए बल्कि रक्षा और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। एक दूसरे का आदर करना और अलग-अलग विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सिर्फ संस्थानों के होने से नहीं होता है बल्कि विभिन्न तरह के समुदाय के लोगों की ओर से अलग-अलग तरह के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। भारत के बहुलवाद को खतरा विभिन्न तरह की आवाजों को दबाने से है। उन्होंने कहा कि विचारशील संवाद प्रत्येक लोकतंत्र का अहम दृष्टिकोण है। वह भी सफल लोकतंत्र के लिए बेदह जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सच्चा परीक्षण उसकी इस क्षमता से है जिसमें सभी लोग अपने विचार बिना किसी डर के रख सकें।