Ahmedabad News : सिर्फ यात्रा नहीं यह एक दोस्त बढ़ाओ मुहीम है
दुनिया की शीर्ष महाशक्तियों को बनाना है दोस्त
महात्मा गान्धी के दर्शन को लिया कूटनीति में शामिल
शान्ति, अध्यात्म और धर्म पर बल
आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए जरूरी
अहमदाबाद•Feb 19, 2020 / 10:44 pm•
Upendra
Ahmedabad News : सिर्फ यात्रा नहीं यह एक दोस्त बढ़ाओ मुहीम है
उपेन्द्र शर्मा
अहमदाबाद. प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अब तक दुनिया की तीन महाशक्तियों के राष्ट्र प्रमुख भारत आ चुके हैं और अब सबसे ताकतवर देश अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आ रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ है भारत के इतिहास में कि इन सभी राष्ट्र प्रमुखों को अहमदाबाद लाया गया है।
ट्रम्प से पहले जापान के राष्ट्रपति शिन्जो आबे, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यूह और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की यात्रा की और अहमदाबाद भी आए। तीनों को साबरमति नदी के तट पर स्थित महात्मा गान्धी के आश्रम ले जाया गया था और और ट्रम्प को भी ले जाया जायेगा।
यह सिर्फ संयोग नहीं है बल्कि भारत की विदेश नीति में एक नया प्रयोग है। भारत दुनिया को यह दिखा पाने में कामयाब हो रहा है कि शीर्ष महाशक्ति देशों की उसमें रुचि है। बल्कि भारत अन्य देशों की तरह उन्हें अपनी सैन्य ताकत दिखाने के बजाए अहिंसा (गान्धी आश्रम) शान्ति, अध्यात्म (शिन्जो आबे- वाराणसी), धर्म (शी जिन पिंग- महाबलिपुरम) जैसी ताकत को दिखा रहा है।
भारत उनसे किसी तरह की आर्थिक मदद पाकिस्तान की तरह (भीख) नहीं मांग कर उन्हें अपनी आर्थिक वैज्ञानिक व आध्यात्मिक समृद्धि दिखा रहा है। भारत बुलेट ट्रेन, सौर उर्जा, उपग्रह विज्ञान जैसे क्षेत्रों में बराबरी के स्तर पर उनके साथ संधि समझौते कर रहा है।
गत २० वर्षों में विश्व स्तर पर आतंकवाद की समस्या बहुत गम्भीर रूप धारण कर चुकी है। अमरीका जहां पूरी दुनिया में आतंक के खिलाफ लड़ रहा है तो उसका एक खास साथी इजरायल है। जापान और रूस भी आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसे में कई सालों से आतंक से पीडि़त भारत के लिए यह देश स्वाभाविक रूप से मित्र होने ही चाहिये। पाकिस्तान को विश्व स्तर पर अकेला करने के लिए भी इन ३-४ देशों के सहयोग की भारत को सख्त जरुरत है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के यह प्रयास भारतीय विदेश नीति में मील के पत्थर साबित होंगे।
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अहमदाबाद ही क्यों….
अब तक जब भी कोई राष्ट्रध्य्क्ष भारत आतेे थे तो उन्हें महत्मा गान्धी के दर्शन के बारे में बतया तो जाता था लेकिन उन्हें साबरमति आश्रम नहीं लाया जाता था। प्रधानमन्त्री मोदी ने इन्हें ना केवल वहां का भ्रमण करवाया बल्कि उनसे चरखा भी चलवाया। उन्हें साबरमति नदी के तट पर रिवर फ्रंट की सैर भी करवाई जो पूरी दुनिया में भारत के विज्ञान, श्रम और कल्पना का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त चूंकि गुजरात से सर्वाधिक प्रभावशाली भारतीय लोग अमरीका, यूरोप, चीन, अफ्रीका, जापान आदि में राजनीति, उद्योग, चिकित्सा, प्रशासन में कार्यरत हैं। उनकी लॉबी इस दौरान भारत के हित में वहां सक्रिय रहती है। विश्व का सबसे बड़ा खेल स्टेडियम भी यहां बनाया गया है जो भारत की समृद्धि का नया प्रतीक है।
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प्रधानमन्त्री मोदी की छवि….
भारत में मोदी की छवि एक राष्ट्रवादी, निर्णायक और मजबूत नेता के रूप में है। यही छवि अमरीका में डोनाल्ड ट्रम्प की है। ऐसे में जिस तरह से अमरीका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यकम हुआ था उसी तर्ज पर भारत में अब ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यकम हो रहा है।