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दो आरोपी अधिकारी 27 तक रिमाण्ड पर

-गुजरात जमीन विकास निगम से 55 लाख नकदी मिलने का मामला

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Two accused officer remanded till April 27


गांधीनगर. स्थानीय अदालत ने गुजरात जमीन विकास निगम (जीएलडीसी) के दो आरोपी अधिकारियों-संयुक्त निदेशक के. सी. परमार और फील्ड सुपरवाइजर एस. एम. वाघेला को दस दिन के रिमाण्ड पर भेजा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को इन आरोपियों को अदालत में पेश किया। अदालत ने इन दोनों आरोपी अधिकारियों को 27 अप्रेल तक पूछताछ के लिए रिमाण्ड पर भेजा।
इसी मामले में तीन अन्य आरोपी अधिकारी- निगम के प्रबंध निदेशक एस. के. देत्रोजा, सहायक निदेशक एम. के. देसाई व कंपनी सेक्रेटरी एस.वी.शाह फरार बताए जा रहे हंैं।
गत गुरुवार को एसीबी ने सरकारी योजनाओं व ग्रांट मंजूर कराने के एवज में गांधीनगर स्थित निगम के पांच अधिकारियों से 55 लाख से ज्यादा की रकम जप्त की थी। इसके बाद निगम के अधिकारियों के आवासों पर छापे मारे गए थे जिसमें इन आरोपी अधिकारियों के यहां से लाखों के फर्नीचर जप्त किए गए थे।
इस घटना को लेकर एसीबी अधिकारी डी. बी. प्रसाद ने गांधीनगर एसीबी पुलिस थाने में आय से अधिक संपत्ति को लेकर इन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। एसीबी की टीम ने राज्य में किसी भी सरकारी कार्यालय में पहली बार इतनी भारी मात्रा में राशि जप्त की है।
राज्य भर के किसानों की खेत तलावड़ी व खेतों के चारों ओर तार की योजना के तहत ग्रांट दिया जाता है। इन सरकारी योजनाओं व ग्रांट मजूर कराने के लिए रिश्वत की रकम बिचौलिए या अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से ली जाने की शिकायतें मिलीं थी।

पूर्व डीजीपी को वापस मिला पासपोर्ट

अहमदाबाद. इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में पूर्व डीजीपी पी. पी. पांडेय की पासपोर्ट की गुहार ग्राह्य रखी है। सीबीआई अदालत ने एक लाख रुपए के बांड पर शर्तों के अधीन पासपोर्ट वापस दी है। सीबीआई अदालत ने यह आदेश दिया है कि पांडे जहां-जहां जाएं ओर जहां-जहां रूकें, उनकी जानकारी देगी होगी।
पांडे ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें विदेश जाने के कारण छह महीने के लिए पासपोर्ट चाहिए। इससे पहले भी सीबीआई अदालत से पांडे को पासपोर्ट की मंजूरी दी थी। विदेश से आने के बाद उन्होंने अपना पासपोर्ट भी लौटा दिया था।
सीबीआई की विशेष अदालत ने गत फरवरी महीने में पांडेय को इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया था।