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भ्रष्टाचारी रहे बेखबर, अभय कमांड सेंटर की थी नजर

अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली प्रकरण

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अजमेर

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Manish Singh

Nov 19, 2019

भ्रष्टाचारी रहे बेखबर, अभय कमांड सेंटर की थी नजर

भ्रष्टाचारी रहे बेखबर, अभय कमांड सेंटर की थी नजर

मनीष कुमार सिंह. अजमेर.

अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली प्रकरण में सजाफ्ता बंदी के साथ मिलीभगत से भले आप-हम अंजान थे लेकिन शहर का अभय कमांड सेंटर उनकी गतिविधियों पर नजर गड़ाए हुए था। सेंटर से जेल से पेरोल पर रिहा हुए बंदी और जेल प्रहरियों के बीच हुए लेन-देन और मेल-मिलाप की पल-पल की तस्वीरें कैद हो गई। अनुसंधान में सामने आई सीसीटीवी (क्लोज सर्किट कैमरे) की फुटेज को अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अदालत में बतौर सबूत भी पेश किया है।

एसीबी की ओर से भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश किए गए चालान में सामने आया कि अजमेर सेन्ट्रल जेल से पैरोल पर रिहा हुआ सजायाफ्ता बंदी दीपक उर्फ सन्नी पैरोल अवधि में मुख्य जेल प्रहरी केसाराम, जेल प्रहरी संजयसिंह और जेलर जसवंतसिंह से मुलाकात की। उनके बीच लेन-देन भी हुआ। जिसकी एसीबी के पास मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग के अलावा वीडियो रिकॉर्डिंग भी है। यह वीडियो रिकॉर्डिंग स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बने आधुनिक अभय कमांड सेंटर से मिली है, जिसमें उनके मिलने और लेन-देन के फुटेज स्पष्ट नजर आ रहे है।

केस-1

जेल प्रहरी केसराम की एक जुलाई को पैरोल पर रिहा हुए सजायाफ्ता बंदी दीपक उर्फ सन्नी से देहली गेट पर मुलाकात की। दोनों की मुलाकात अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। फुटेज में सन्नी ने केसाराम को रुपए देते नजर आ रहा है।

केस-2
सजायाफ्ता बंदी दीपक उर्फ सन्नी का भाई प्रवेश उर्फ पोलू तेजी ने जेलर जेलर जसवंत सिंह को सोनीजी की नसियां के पास साढ़े 8500 रुपए दिए। जसवंतसिंह ने पोलू को कॉल कर बुलाया। जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग के साथ अभय कमांड सेंटर के कैमरे की फुटेज भी है।

केस-3

जेल में बंदियों से वसूली के बाद जेलर, जेल प्रहरी अपना हिस्सा सजायाफ्ता कैदी दीपक के भाइयों के जरिए करते थे। एसीबी ने प्रत्येक दिन की कॉल रिकॉर्डिंग के साथ वीडियो रिकॉर्ड भी है। जेलर जसवंत सिंह ने 21 जून को जयपुर रोड पर ब्रांडेड शू के शोरूम के सामने प्रवेश उर्फ पोलू से रिश्वत की रकम ली।

अभय कमांड सेंटर की सफलता
अभय कमांड सेंटर से भले पुलिस सीधी नजर न हो लेकिन शहर के अपराध व अपराधियों की धरपकड़ में सीसीटीवी पुलिस के लिए मददगार साबित हुए हैं। अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली प्रकरण के अलावा कई मामले है। जिसमें अभय कमांड सेंटर से मिली फुटेज के आधार पर अपराधियों को पकड़ा जा चुका है।

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