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सांभर त्रासदी के बाद अब आनासागर झील पर मंडराया खतरा

मछलियां तोड़ रही दम, मृत कौवों का विसरा जांच के लिए भोपाल लैब भेजा जल प्रदूषण व आक्सीजन की कमी से मान रहे मौत

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सांभर के बाद अब आनासागर झील पर मंडराया खतरा

सांभर के बाद अब आनासागर झील पर मंडराया खतरा

हिमांशु धवल

अजमेर. सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद अब आनासागर झील पर खतरा मंडरा रहा है। यहां दो दर्जन कौवे और कई मछलियां दम तोड़ रही हैं। इससे प्रशासन सचेत हो गया। वन विभाग ने मृत कौवों का विसरा जांच के लिए भोपाल भेजा है, जबकि मछलियों की मौत को लेकर मत्स्य विभाग को पत्र लिखा गया है। मत्स्य विभाग ने झील में मछली पालन का ठेका दे रखा है। वर्तमान में मछलियों को पकडऩे का कार्य जारी है। यहां बीते कुछ दिनों से मछलियां दम तोड़ रही हैं जो पानी की लहरों के साथ झील के किनारे पहुंच रही है। शनिवार को भी बड़ी संख्या में मछलियां मृत मिली। इसकी प्रमाणिक वजह तो अभी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रथमदृष्टया पानी में फैले प्रदूषण से इनकी मौत का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा झील में ऑक्सीजन स्तर बनाए रखने के लिए सहायक एरिएशन पंप भी बंद हैं। यह पंप पहले भी कई बार बंद हो चुके हैं, जिससे झील में प्रदूषण और बदबू फैली थी।

कौवों का मरना जारी
झील किनारे और बारादरी पर शनिवार को एक दर्जन कौवे मृत मिले। सूचना पर उपवन संरक्षक सुदीप कौर और अधिकारियों ने मौका निरीक्षण किया। वन विभाग की टीम ने उनका विसरा लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भोपाल भेजा हैं।

खुलेआम बिकता मछलियों का दाना

बारादरी, वैशाली नगर चौपाटी और पुष्कर रोड स्थित चौपाटी पर मछलियों का दाना खुलेआम बिक रहा है। दाने के रूप में आटे की गोलियां, ब्रेड, चावल के फूले शामिल हैं। यहां सुबह-शाम सैर अथवा रोजाना आने वाले लोग दान-धर्म के नाम पर खाद्य वस्तुएं पानी में डाल रहे हैं। इनमें से कुछ चीजें ही मछलियां खा पाती हैं। शेष खाद्य सामग्री पानी में नीचे जाकर जम जाती है। जानकारों की मानें तो इससे मछलियों को मिलने वाली आक्सीजन में कमी आ रही है। यहां दाना बेचने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही।

नालों में पसरी पड़ी है जलकुंभी
आनासागर झील और इससे जुड़े नालों में जलकुंभी फैल रही है। वर्तमान में यह सिर्फ किनारों पर ही दिखाई दे रही है। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह पूरी झील में फैल जाएगी। हालांकि नगर निगम की ओर से डिविडिंग मशीन से जलकुंभी को हटाया जाता रहा है।

इनका कहना है...

कौवों की मृत्यु की वास्तविक वजह फिलहाल मालूम नहीं है। संभवत: कोई जहरीला दाने के सेवन से ऐसा हुआ लगता है। हमने मृत कौवे का विसरा जांच के लिए भोपाल भेजा है।

सुदीप कौर, उप वन संरक्षक, अजमेर