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भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. सिंगल फेज लाइन पर हुक लगाकर थ्री फेज बिजली बनाने से रोकने के लिए अपना गया ajmer discom अजमेर डिस्कॉम का formula फार्मूला हिट हो गया है। अब इसे राज्य स्तर पर भी लागू किया जा रहा है। अजमेर डिस्कॉम की सफलता के बाद अब जयपुर डिस्कॉम ने भी ड्रापिंग रिएक्टर खरीदने की प्रक्रिया शुरु की है। वहीं जोधपुर डिस्कॉम ने अजमेर डिस्कॉम से एक ड्रॉपिंग रिएक्टर का सैम्पल मांगा है ताकि पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया जा सके। जोधपुर डिस्कॉम के तहत आने वाले जिलों में बड़े पैमाने पर सिंगल फेज लाइन से हुक व अर्थ कर थ्री फेज बिजली बनाई जाती है। इससे कम्पनी की बिजली चोरी व छीजत दर अधिक है तथा घाटे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। power theft बिजली चोर 6 घंटे थ्री फेज सप्लाई लेने के बाद 11 केवी सिंगल फेज की लाइन में हुक लगा कर तथा कैपीसिटर लगा कर अर्थ कर देते हैं जिससे सिंगल फेज बिजली थ्री फेज बिजली में परिवर्तित हो जाती है इससे बड़े पैमाने पर बिजली चोरी होती है।
मामूली खर्च,करोड़ों की बचत
सिंगल फेज को थ्री फेज में परिवर्तित कर बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए गए ड्रॉपिंग रिएक्टर डिवाइस पर केवल 1.25 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इससे प्रतिदिन 9500 यूनिट बिजली की चोरी रोकी जा रही है। इससे एक माह में 13 लाख 53 हजार रुपए की 2 लाख 85 हजार यूनिट की बिजली की बचत हो रही है।
100 ड्रॉपिंग रिएक्टर खरीदने की तैयारी
अजमेर डिस्कॉम ने नागौर जिले में पायलट प्रोजेक्ट सफलता पूवर्क संचालित करने के बाद अब इसे निगम के सभी जिलों के अधिकतर 33/11 केवी ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) पर लागू करने का निर्णय किया है। इसके लिए 100 ड्रापिंग रिएक्टर खरीदे जा रहे है। इसके लिए निर्माता कम्पनियों से वार्ता की जा रही है। जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। अजमेर डिस्कॉम के तहत आने वाले नागौर जिले के 1400 फीडर में 452 फीडर ऐसे हैं जहां सिंगल पेज बिजली को थ्री फेज बिजली में परिवर्तित कर 16-18 घंटे तक प्रतिदिन बिजली चोरी की जाती। इसमें सर्वाधिक 452 फीडर नागौर के ही हैं जिनमें से 197 पर सिंगल फेज को थ्री फेज में परिवर्तित कर बिजली चोरी हो रही है। अब नागौर जिले के अभियंता अपने यहां जीएसएस पर ड्रॉपिंग रिएक्टर लगाए जाने की मांग कर रहे हैं।
140 से घटकर 23 एम्पीयर ही रहा गया लोड
अजमेर डिस्कॉम ने नागौर जिले के 33 केवी भेड़ जीएसएस के टांकला फीडर पर डीपी बनाते हुए ड्रॉपिंग रिएक्टर नामक विद्युत डिवाइस/उपकरण लगाते हुए पायलट प्रोजेक्ट पूरा किया है। ड्रापिंग रिएक्टर वोल्टेज डाउन कर देता है इससे थ्री फेज की मोटरें नहीं चल पाती हैं। यहां पर सिंगल फेज सप्लाई के दौरान पहले 140 एम्पीयर लोड आ रहा था वहीं जब ड्रॉपिंग रिएक्टर लगाया गया तो लोड केवल 23 एम्पीयर ही रह गया। जैसे ही बिजली चोरों द्वारा सिंगल फेज को थ्री फेज में परिवर्तित किया जाता है वैसे ही जीएसएस पर से ही वोल्टेज डाउन हो जाता है,जबकि सिंगल फेज उपभोक्ता को घरेलू बिजली यथावत मिलती रहती है।
Published on:
24 Nov 2019 07:02 am
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