सेल्फ फाइनेंसिंग योजना के तहत तकनीकी संस्थान
(techincal institutes) सरकार से सहायता लिए बगैर कोर्स चलाते हैं। इनकी फीस सरकारी सीट के मुकाबले तीन से चार गुना फीस होती है। संबंधित विश्वविद्यालय/कॉलेज पर ही अध्ययन-अध्यापन (teching), वेतन-भत्ते (salary) चुकाने की जिम्मेदारी होती है। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज (womens engineering college) तो पूरा ही एसएफएस सीट पर संचालित हैं। इसके अलावा अजमेर का बॉयज इंजीनियरिंग, बीकानेर, जोधपुर के एमबीएम, कोटा इंजीनियरिंग सहित राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU Kota) में कई ब्रांच सेल्फ फाइनेंसिंग योजनान्तर्गत संचालित है।
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मनी एक्सचेंजर हत्याकांड..गैंगस्टर जितेंद्र को सौंपा एक दिन के रिमांड पर एआईसीटीई के नियमों में नहीं जिक्रदेश के सभी तकनीकी संस्थान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के नियमानुसार संचालित हैं। परिषद के नियमों में सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम का कोई स्पष्ट जिक्र नहीं है। वर्ष 1997-98 तक प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज
(enginering college) में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स अथवा सीट नहीं थी। सभी संस्थाओं में सरकारी सीट पर ही दाखिले होते थे। राजस्थान तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय ने भी शुरूआती दौर में एसएफएस
(self financing course)कोर्स नहीं चलाए। बीते बीस साल में तो संस्थाओं में सेल्फ फाइनेसिंग योजना के लिए होड़ मच गई है।
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विवेकानंद स्मारक पर बनेगा एम्यूजमेंट-एडवेंचर पार्क आईआईटी-एनआईटी में नहीं सीट…देश में कानपुर, जोधपुर, रुडक़ी, मुम्बई, दिल्ली सहित कई आईआईटी
(IIT) हैं। जयपुर, शिलांग, बेंगलूरू और अन्य शहरों में नेशनल टेक्निकल इंस्टीट्यूट (NIT) हैं। यह तकनीकी गुणवत्ता के लिहाज से श्रेष्ठतम माने जाते हैं। इन संस्थानों में मुख्य कोर्स (main course) अथवा ब्रांच में ऐसे कोर्स नहीं चलते हैं। इनमें केवल लघु स्तरीय पाठ्यक्रम (micro courses) ही ऐसी योजना में चलते हैं।
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Heavy rain : पलभर में फिर गया किसानों की मेहनत पर पानी कमाओ खाओ योजना…सरकार ने ‘कमाओ और खाओ ’ के तहत एसएफएस कोर्स को बढ़ावा दिया। अजमेर के बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 1997-98 में कुछ ब्रांचों की 20-25 सीट सेल्फ फाइनेंसिंग योजना में रखी गई थी। कुछ हद तक यह पीपीपी मोड (PPP Mode) से मिलती जुलती योजना है। अधिकांश कॉलेज में शिक्षकों की भर्ती इसी योजना में हुई है।
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आसोज माह में मूसलाधार बारिश,मानसून जाते-जाते रहा मेहरबान आईसीटीई और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नियमों में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स चलाने का स्पष्ट नियम या जिक्र नहीं है। नियमानुसार निजी अथवा सरकारी तकनीकी संस्थान ऐसे कोर्स नहीं चला सकते। फिर भी तकनीकी शिक्षा से खिलवाड़ जारी है। सरकार को इसे रोकना चाहिए।
प्रो. श्रीगोपाल मोदानी पूर्व प्राचार्य बॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज देश के एनआईटी या आईआईटी कोर कोर्सेज (मुख्य कोर्स) में सेल्फ फाइनेंसिंग कोर्स जैसी कोई योजना नहीं होती है। राज्य सरकार के इंजीनियरिंग कॉलेजों को अनुदान नहीं मिलता, लिहाज उन्हें यह कोर्स चला रहे हैं। सरकार को इसे देखना चाहिए।
प्रो. एम.सी. गोविल, निदेशक एनआईटी सिक्किम