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अजमेर

43 करोड़ का ठेका देने में अभियंताओं ने अधिकारियों की आंखों में‘ झोंकी धूल’

पटले स्टेडियम के विकास का मामला
6 कम्पनियां आईं 3 बाहर,जारी हुआ लीगल नोटिस
निजी फर्मो पर जारी है अभियंताओं की ‘मेहरबानी’
बार-बार टेंडर निरस्त करने पर हो रही धन व समय की बर्बादी
स्मार्ट सिटी

अजमेरJul 12, 2020 / 06:27 pm

bhupendra singh

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. स्मार्ट सिटी smrt city के तहत शहर वासियों को पटेल मैदान patel ground में विश्व स्तरीय खेल सुविधा कब उपलब्ध होंगी और पटेल मैदान की काया कब पलटेगी यह तो फिलहाल तय नहीं है लेकिन ‘काया पलटने’ के इस खेल में ‘माहिर’ हो चुके स्मार्ट सिटी के अभियंता Engineers कुछ और ही ‘खेल खेलने’ में जुटे हुए है। नियम कायदों को ताक पर रख कर निजी कार्य का अनुभव रखने वाली फर्मो को हर टेंडरों contract में तरजीह दी जा रही है। मामले में खास यह है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश व लीगल नोटिस leagal notice की भी परवाह नहीं की जा रही है। जबकि इसी तरह का मामला सामने आने पर जेएलएन अस्पताल के 36 करोड़ के मेडिसिन ब्लॉक और 7 करोड़ रुपए से बनने वाले चिल्ड्रेन पार्क के ठेके निरस्त करने पड़े हैं। पटेल मैदान के विकास पर स्मार्ट सिटी के 43 करोड़ crore रुपए खर्च होने है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए है। इसमें 6 कम्पनियां आई इनमें से 3 को सलेक्ट व 3 को बाहर कर दिया गया। निजी कार्य का अनुभव रखने वाली अभियंताओं की ‘चहेती फर्म’अभी दौड़ में बनी हुई है। इस प्रकिया से बाहर की गई एक कम्पनी ने प्रकिया पर सवाल उठाते हुए कानूनी नोटिस भेजा है। अभियंताओं की मनमर्जी के कारण मामला फिर अटकता नजर आ रहा है। इससे समय व वित्तीय हानि भी हो रही है। जबकि स्मार्ट सिटी ने कंस्टेट कम्पनी की सेवाएं ले रखी है।
एसीईओ के निर्देश दरकिनार

स्मार्ट सिटी के एसीईओ के मना करने के बावजूद पूर्व में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में प्रचलित आरएफपी तथा अन्य स्मार्ट सिटी (उदयपुर,जयपुर) में प्रचलित निविदा दस्तावेजों में भी नहीं है तथा बहुत ही गंभीर विसंगति है। इसी संदर्भ में पूर्व में जेएलएनएल अस्पताल मेडिसिन ब्लॉक की निविदा के संदर्भ में प्रकरण एसीईओ के संज्ञान में आया था जिसमें इसी शर्त का लाभ उठाते हुए एक निजी फर्म को फायदा पहुंचाया गया। एसईओ ने इस निविदा को निरस्त करते हुए शेष सभी निविदाओं को निरस्त/संशोधन जारी कर इस शर्त को हटाने के निर्देश प्रदान किए गए थे। पटेल मैदान के विकास के लिए प्राप्त निविदाओं में भी प्राइवेट कार्य के अनुभव को मान्य करने सम्बन्धी अभी भी विद्यमान है,जिसे ना तो निरस्त किया गया है और न ही संशोधित किया गया है। इसके बाद एसीईओ ने मुख्य अभियंता पर अनौपचारिक टिप्पणी करते हुए नोटिस दिया है।
एसईओ ने बताया अनुचित

स्मार्ट सिटी की पूर्व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिन्मयी गोपाल एक हाल ही स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता को नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार कुछ समय पूर्व पीएमसी मैसर्स एजिज द्वारा सक्षम स्वीकृति प्राप्त किए बिना अनुचित तरीके से समस्त निविदा दस्तावेजों में कार्य निष्पादन के अनुभव के मापदंडों में प्राइवेट कार्य के अनुभव को मान्य करने सम्बन्धी शर्त शामिल की गई है।
सीईओ ने कहा ओवर बजट

स्मार्ट सिटी के सीईओ कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि स्टेडियम के लिए ओवर बजट बनाया गया है। स्टेडियम के लिए इतना बजट सही नहीं है। मेन रोड की तरफ दुकानें भी बनाओ जिससे आय हो। रेवन्यू मॉडल विकसित किया जाए।
घरों में हो रही बैठकें

जानकारों का कहना है कि निजी फर्मो को फायदा पहुंचाने में जुटे स्मार्ट सिटी के अभियंता व लेखा शाखा के बड़े अधिकारी कार्यालय के बजाय घरों में बैठक कर शर्ते तैयार कर रहे हैं। अधिकारियों के निर्देश के बावजूद शर्ते नहीं बदली जा रही है।
(इस सम्बन्ध में स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अविनाश शर्मा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होनें फोन नहीं उठाया।)

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