scriptयह घाटी है बरसों से अजमेर की पहचान, पृथ्वीराज चौहान से रहा है खास नाता | Ghooghra valley special for ajmer soon become green | Patrika News
अजमेर

यह घाटी है बरसों से अजमेर की पहचान, पृथ्वीराज चौहान से रहा है खास नाता

अजमेर में प्रवेश करते ही लोगों को हरियाली और ठंडक का एहसास होगा।

अजमेरJan 21, 2018 / 07:31 am

raktim tiwari

ghooghra valley ajmer

ghooghra valley ajmer

शहर से सटी घूघरा घाटी जल्द हरी-भरी नजर आएगी। वन विभाग का सरकारी योजनान्तर्गत पौधरोपण जारी है। यहां विभिन्न प्रजातियों के ढाई हजार पौधे लगाए जाएंगे। घाटी को अजमेर का प्रवेश द्वार माना जाता है। लिहाजा अजमेर में प्रवेश करते ही लोगों को हरियाली और ठंडक का एहसास होगा।
सरकार की जल स्वावलम्बन योजनान्तर्गत तालाब, एनिकट के आसपास और वन क्षेत्रों में पौधरोपण किया जा रहा है। इसके तहत घूघरा घाटी के महुवा बीड़ क्षेत्र में भी पौधरोपण जारी है। करीब दस हेक्टेयर भूमि पर ढाई हजार पौधे लगाए जाने हैं। इनमें पीपल, करंज, शीशम, बोगनवेलिया, कनेर के छायादार और पुष्पीय पौधे शामिल हैं।
विभाग ने कराई तारबंदी
पौधरोपण के साथ-साथ वन विभाग ने क्षेत्र में तारबंदी कराई है। इससे पौधों को नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा यहां वॉक-वे भी बनाया जाएगा। लोग सुबह-शाम क्षेत्र में सैर कर सकेंगे। मालूम हो कि घूघरा घाटी-कांकरदा भूणाबाय क्षेत्र में वन विभाग की जमीन के निकट आबादी बस्ती भी है। कई बार लोग और पशु पेड़-पौधों को नष्ट कर देते हैं।
नगर वन उद्यान का काम धीमा
शास्त्री नगर-लोहागल रोड पर 75 हेक्यटेयर क्षेत्र में बनने वाले नगर वन उद्यान कामकाज धीमा चल रहा है। बीते वर्ष 22 जून को वन एवं पर्यावरण मंत्री ने इसका उद्घाटन किया था। इस साल मार्च तक कामकाज पूरा कराने की घोषणा की गई है। यहां 1 करोड़ 75 लाख रुपए से वॉक-वे, दो व्यू पॉइन्ट, बायो टॉयलेट, चिल्ड्रन्स पार्क, नवगृह, योग वाटिका, साइकिल ट्रेक, पहाडिय़ों का पानी एकत्रित करने के लिए टैंक, गार्डन, स्मृति वन बनेगा। साथ ही नीम, गुलमोहर, अमलताश, शीशम, बोगन वेलिया और अन्य छायादार पौधे लगाए जाएंगे।
पृथ्वीराज चौहान से खास नाता
घूघरा घाटी का पृथ्वीराज चौहान से खास नाता है। यह घाटी एक तरह से अजमेर का प्रवेश द्वार मानी जाती है। यहां पृथ्वीराज चौहान के दादा-परदाद ने भैरूंजी का मंदिर बनवाया था। इसके अलावा इतिहासकारों और किंवदंतियों के अनुसार पृथ्वीराज चौहान जब संयोगिता को घोड़े पर बैठाकर ला रहे थे। उस दौरान संयोगिता के पायल का एक घुंघरू घाटी में गिर पड़ा था। तबसे उस नाम से घूघरा गांव और घाटी बनी हुई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो