तो आपको बता दें कि ऐसा करने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। बहुत बड़ा ज्योतिषीय कारण है। बड़े-बड़े ज्योतिष अपनी -अपनी गणित के हिसाब से इसका अर्थ निकाल रहे हैं और ग्रह दशा बता रहे हैँ। अब जिनको अंकशास्त्र की थोड़ी बहुत जानकारी होगी तो उन्हें ये जरूर मालूम होगा कि 5 अंक बुध का होता है। यह बीमारी गले फेफड़े में ही ज्यादा फैलती है, मुख गले फेफड़े का कारक भी बुध ही होता है। बुध राजकुमार भी है। रविवार सूर्य का होता है। सूर्य ठहरे राजा साहब। दीपक या प्रकाश भी सूर्य का ही प्रतीक है। 9 अंक होता है
मंगल( सेनापति) और रात या अंधकार होता है शनि का।
अब रविवार 5 अप्रैल को, जोकि पूर्णिमा के नजदीक है, मतलब चन्द्र यानी रानी भी मजबूत। सभी लाइटें बंद करके, रात के 9 बजे, 9 मिनट तक टॉर्च ,दीपक, फ़्लैश लाइट आदि से प्रकाश करना है। चौघडिय़ा अमृत रहेगी, होरा भी उस वक्त सूर्य का होगा। शनि के काल में सूर्य को जगाने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है। 9-9 करके सूर्य के साथ मंगल को भी जागृत करने का प्रयास मतलब शनि राहु रूपी अंधकार (महामारी) को उसी के शासनकाल में बुध सूर्य चन्द्र और मंगल मिलकर हराने का संकल्प लेंगे। जब किसी भी राज्य के राजा रानी राजकुमार व सेनापति सुरक्षित व सशक्त हैं, तो भला राज्य का कौन अनिष्ट कर सकता है।
इसलिए आप भी 5 अप्रैल को रात 9. 00 बजे 9 मिनट तक मोमबत्ती, दीया , टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जरूर जलाएं ।और यदि दीया जलाते वक्त उसमें लौंग व कपूर भी डाल कर जलाएं तो और बेहतर होगा । 5 अप्रेल को 9 बजे जो भी गृह दशा बन रही है उस समय अगर हम सब देशवासी मिलकर दीया जलाएं और मंत्रोच्चारण करें तो हम जरूर कोरोना जैसी महामारी से निजात पा सकते हैं।