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Nurses Day : 47 दिन से बच्चियों से दूर गांव में ड्यूटी कर निभा रही अपनी जिम्मेदारी

मम्मी आप हमारी चिन्ता मत करो बल्कि इस कोरोना महामारी को हराकर जल्दी वापस घर आ जाओ ।

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अजमेर

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Preeti Bhatt

May 12, 2020

47 दिन से बच्चियों से दूर गांव में ड्यूटी कर निभा रही अपनी जिम्मेदारी

47 दिन से बच्चियों से दूर गांव में ड्यूटी कर निभा रही अपनी जिम्मेदारी

प्रीती भट्ट /

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर सलाम है ऐसी नर्सों को जो ऐसी मुसीबत (covid-19) में भी न केवल पूरे समर्पण भाव से अपनी सेवाएं दे रहीं है बल्कि दूसरों का मनोबल भी बढ़ा रही हैं। जिस देश में ऐसे कोरोना के कर्मवीर हैं वहां हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब एक दिन. . . . .


चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों और चिकित्सक के मध्य जो प्रमुख कड़ी होती है वह है नर्सेज । नर्स में सेवा और समर्पण भाव की छाया निहित है । जब भी यदि सेवा की बात चलती है तो जेहन में सबसे पहले जो छवि उभरती है वह नर्स की ही होती है।फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले नर्सिंग डे पर आवश्यकता है कि नर्सिंग कर्मी इस कोरोना के संकट में अपनी सेवा व समर्पण की भावना यूं ही बनाए रखें ।

कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे प्रकोप के बीच लोगों की जिंदगी को बचाने मैं जुटेे कोरोना के कर्मवीरों की चुनौतियां लगातार बढ़ती ही जा रही है मगर हर चुनौती का सामना कर रहे हैं यह कर्मवीर। इसी कड़ी में जुड़ी एक सेवाभावी, मृदुभाषी, कर्तव्यनिष्ठ एएनएम है आशा वशिष्ठ जो अपनी दोनों लड़कियों को शहर में अकेला छोड़ 47 दिन से गांव में पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रही हैं।

अजमेर निवासी आशा वशिष्ठ की ड्यूटी नागौर के मेहरासी गांव में है । कोविड -19 के चलते लॉकडाउन की वजह से लगातार 47 दिन से वह अपनी बच्चियों से दूर रहकर गर्मी व धूप की परवाह किए बगैर गांव में ड्यूटी देकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। कोरोना बढऩे की आशंका के चलते अपनी बच्चियों को अजमेर में ही अपऽे से दूर अकेला छोड़ रखा है। बचपन में ही बच्चियों के सिर से पिता का साया उठ चुका है।

याद तो आती है मगर ड्यूटी पहले
दिन भर अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद शाम को वीडियो कॉल करके अपनी बच्चियों से बात कर वे मां का फर्ज अदाकर दोहरी भूमिका निभा रही है। साथ ही गांव वालों से अच्छी तरह से बात कर उन्हें इस महामारी से बचाव के बारे में जागरूक रही हैं। गांव वाले भी उनका पूरा ध्यान रख रहे हैं ।

उनका कहना है कि परिवार से कई दिनों से दूर हैं मगर अस्पताल में मरीजों की सेवा पहला कर्तव्य है कोरोना से हम सब मिलकर लड़ेंगे और यह जंग अवश्य जीतेंगे नर्सेज डे पर हम सभी को यह संकल्प लेना होगा ।


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