सीआई नरेन्द्र कुमार ने बताया कि बरामद मोबाइल, सिमकार्ड की पड़ताल की जा रही है। मोबाइल फोन पैकिंग के हिसाब से नया लग रहा है। संभवत: जेल में लाया ही गया था लेकिन तलाशी की डर से पानी की टंकी के पास फैंक दिया। पुलिस मोबाइल फोन और सिमकार्ड से पड़ताल में जुटी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(ACB Ajmer) ने अजमेर सेन्ट्रल जेल में पन्द्रह दिन पूर्व 19 जुलाई को बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली के नाम पर सुविधा देने के मामले का खुलासा किया था। इसमें जेल प्रहरी अरुणकुमार चौहान, संजयसिंह, प्रधान बाना, केसाराम, सजायाफ्ता कैदी दीपक उर्फ सन्नी, उसके रिश्तेदार प्रवेश उर्फ पोलू, सागर तेजी, सजायाफ्ता बंदी शैतान सिंह उर्फ शैतान जाट व उसका भाई रमेश उर्फ रामेश्वर जाट को एसीबी की पड़ताल के बाद न्यायिक अभिरक्षा में सेन्ट्रल जेल भेजा गया था। पुलिस बरामद मोबाइल को भी इस प्रकरण से जोड़कर देख रही है।