प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्यों (Principal) की नियुक्ति-आवेदन के लिए नए नियम बनेंगे। मौजूदा नियमों में वांछित संशोधन किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा इसकी तैयारी में जुट गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने बीते साल फरवरी-मार्च में अजमेर के बॉयज और महिला सहित बांसवाड़ा, झालवाड़ और अन्य कॉलेज में प्राचार्य भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। डेढ़ साल बीतने के बावजूद स्थाई प्राचार्यों की नियुक्तियां नहीं हुई है। साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।
उम्र सीमा होगी 70 साल
तकनीकी शिक्षा विभाग (Technical education dept) प्राचार्यों की नियुक्ति-आवेदन नियमों में कुछ संशोधन करेगा। इसके तहत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के समान इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य पद के लिए आयु सीमा 70 साल की जाएगी। मौजूदा वक्त आयु सीमा 65 साल है। इसके अलावा प्राचार्य पद के लिए 10 साल बतौर प्रोफेसर के नियम को यथावत रखा जाएगा। इससे आईआईटी एवं एनआईटी, ट्रपल आईआईटी, रजस्थान और बीकानेर तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय और इनके समकक्ष संस्थानों के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त प्रोफेसर-शिक्षकों को भी आवेदन का मिल सकेगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग (Technical education dept) प्राचार्यों की नियुक्ति-आवेदन नियमों में कुछ संशोधन करेगा। इसके तहत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के समान इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य पद के लिए आयु सीमा 70 साल की जाएगी। मौजूदा वक्त आयु सीमा 65 साल है। इसके अलावा प्राचार्य पद के लिए 10 साल बतौर प्रोफेसर के नियम को यथावत रखा जाएगा। इससे आईआईटी एवं एनआईटी, ट्रपल आईआईटी, रजस्थान और बीकानेर तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय और इनके समकक्ष संस्थानों के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त प्रोफेसर-शिक्षकों को भी आवेदन का मिल सकेगा।
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ज्यादातर इंजीनियरिंग कॉलेज में एमएनआईटी जयपुर (MNIT Jaipur) के प्रोफेसर-रीडर ही प्राचार्य बने हैं। इनके वेतनमान-भत्ते केंद्र सरकार के समकक्ष हैं। खासतौर पर प्रोफेसर स्तर के शिक्षाविदों के वेतनमान और पे-ग्रेड राज्य सरकार से ज्यादा हैं। ऐसे में प्रोफेसर प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य नहीं बनना चाहते हैं।
ज्यादातर इंजीनियरिंग कॉलेज में एमएनआईटी जयपुर (MNIT Jaipur) के प्रोफेसर-रीडर ही प्राचार्य बने हैं। इनके वेतनमान-भत्ते केंद्र सरकार के समकक्ष हैं। खासतौर पर प्रोफेसर स्तर के शिक्षाविदों के वेतनमान और पे-ग्रेड राज्य सरकार से ज्यादा हैं। ऐसे में प्रोफेसर प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य नहीं बनना चाहते हैं।
मंत्रालय ने मांगी थी रिपोर्ट
तकनीकी शिक्षा मंत्रालय ने प्रदेश के बांसवाड़ा, भरतपुर, अजमेर, झालावाड़, जोधपुर, बीकानेर, बारां और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज से रिपोर्ट मांगी थी। इसके तहत कॉलेज में कार्यरत शैक्षिक और अशैक्षिक कार्मिकों का वेतनभार, एक्रिडिटेशन के लिए 80 प्रतिशत पदों की स्थिति, न्यूनतम वित्तीय भार, विद्यार्थियों की फीस से होने वाली आय, स्वायत्तशासी समिति द्वारा लगाए गए कार्मिकों की स्थिति और अन्य ब्यौरा मांगा गया था।
तकनीकी शिक्षा मंत्रालय ने प्रदेश के बांसवाड़ा, भरतपुर, अजमेर, झालावाड़, जोधपुर, बीकानेर, बारां और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज से रिपोर्ट मांगी थी। इसके तहत कॉलेज में कार्यरत शैक्षिक और अशैक्षिक कार्मिकों का वेतनभार, एक्रिडिटेशन के लिए 80 प्रतिशत पदों की स्थिति, न्यूनतम वित्तीय भार, विद्यार्थियों की फीस से होने वाली आय, स्वायत्तशासी समिति द्वारा लगाए गए कार्मिकों की स्थिति और अन्य ब्यौरा मांगा गया था।
ये हैं इंजीनियरिंग कॉलेज के हाल…
बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering college) में चार साल से स्थाई प्राचार्य नहीं है। कॉलेज के ही रीडर डॉ. रोहित मिश्रा के पास कार्यवाहक प्रभार है। इसी तरह राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू दिसंबर 2017 में में इस्तीफा देकर वापस एमएनआईटी लौट चुके हैं। उनकी जगह डॉ. जे.के.डीगवाल के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी है। मालूम हो कि प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मनमाने ढंग से नियुक्तियां, पदोन्नतियां, लाखों रुपए की खरीद-फरोख्त, महंगी कार खरीदने की शिकायतें सरकार तक पहुंचती रही हैं।
बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering college) में चार साल से स्थाई प्राचार्य नहीं है। कॉलेज के ही रीडर डॉ. रोहित मिश्रा के पास कार्यवाहक प्रभार है। इसी तरह राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू दिसंबर 2017 में में इस्तीफा देकर वापस एमएनआईटी लौट चुके हैं। उनकी जगह डॉ. जे.के.डीगवाल के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी है। मालूम हो कि प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मनमाने ढंग से नियुक्तियां, पदोन्नतियां, लाखों रुपए की खरीद-फरोख्त, महंगी कार खरीदने की शिकायतें सरकार तक पहुंचती रही हैं।
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राज्य में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज-16
अध्ययनरत विद्यार्थी-करीब 1.5 लाख
अधीनस्थ यूनिवर्सिटी-बीटीयू और आरटीयू सरकार प्राचार्यों की नियुक्ति-आवेदन संबंधित नियम बनाने में जुटी है। इन्हें जल्द पारित कर लागू किया जाएगा। सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति की जाएगी।
डॉ. सुभाष गर्ग, तकनीकी, संस्कृत और मेडिकल शिक्षा राज्यमंत्री
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अध्ययनरत विद्यार्थी-करीब 1.5 लाख
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डॉ. सुभाष गर्ग, तकनीकी, संस्कृत और मेडिकल शिक्षा राज्यमंत्री