प्रदेश में 42 सरकारी और 100 से ज्यादा निजी पॉलेटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की 50 हजार से ज्यादा सीट हैं। इनमें सरकारी कॉलेज में करीब 5 हजार और निजी कॉलेज में 45 हजार से ज्यादा सीट हैं। इन कॉलेज के पाठ्यक्रमों में प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर के जरिए प्रवेश दिए जाते हैं। प्रदेश के पॉलीटेक्निक कॉलेज नए पाठ्यक्रमों और नई ब्रांच के मामले में देश के कई राज्यों से पीछे हैं। अन्य प्रदेशों में कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स ऐसे संचालित हैं, जो विद्यार्थियों को सरकारी और नौकरी और खुद का उद्यम स्थापित करने में मददगार साबित हुए हैं। राजस्थान के कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स भी रोजगारोन्मुखी हैं, पर यहां तकनीकी शिक्षा विभाग की समयानुकूल कोर्स-ब्रांच खोलने में रुचि कम है।
अन्य राज्यों में संचालित कोर्स
कॉमर्शियल प्रेक्टिस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एन्ड बिजनेस मैनेजमेंट, इंस्ट्रूमेंट टेक्नोलॉजी, एप्लाइड इलेक्ट्रानिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, फिशरीज टेक्नोलॉजी, प्रोस्थेटिक्स एन्ड ऑर्थेटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, मेटेलर्जिकल इंजीनियरिंग, सैंडविच मेकेनिक्स, नेनो टेक्नोलॉजी, पॉलीमर टेक्नोलॉजी, ग्रीन केमिस्ट्री एन्ड इंजीनियरिंग तथा अन्य
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हमारे यहां सिर्फ ये कोर्स सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रिंट टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक्स एन्ड ब्यूटी और अन्य। नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम
राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग की पॉलीटेक्निक कॉलेज में नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम दिखती है। यद्यपि यहां पिछले 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है।
राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग की पॉलीटेक्निक कॉलेज में नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम दिखती है। यद्यपि यहां पिछले 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है।