एमएनआइटी प्रशासन के अनुसार, फिलहाल कुछ हिस्सा शुरू किया जाएगा। ओल्डेस्ट Girls हॉस्टल को आने वाले समय में पीजी स्टूडेंट्स को देने पर विचार किया जा रहा है। नए हॉस्टल में सिंगल और ट्रिपलसीटेड अरेंजमेंट रखा गया है। सेफ्टी, सिक्योरिटी, बेहतर फर्नीचर, वाई-फाई कनेक्शन, वॉशिंग मशीन, इंडोर गेम्स की भी व्यवस्था भी रखी गई है। इसमें अलग मैस भी है। आने वाले समय में सोलर हीटर और सोलर कुकिंग भी व्यवस्था होगी। एमएनआइटी में बॉयज और वार्डन की ओर से मैस काउंसिल कमेटी बनाई हुई है। इसमें सेमेस्टर वाइज मेन्यू तैयार किया जाता है।
इस बार 90 प्रतिशत हॉस्टलर्स
खास बात यह है कि एमएनआइटी में इस बार हॉस्टलर्स की संख्या 90 प्रतिशत हो गई है। पहले लगभग 20 प्रतिशत डे स्कॉलर होते थे, लेकिन इस बार ज्यादातर हॉस्टलर्स हैं, एेसे में हॉस्टल की चुनौती और बढ़ गई है। वहीं अहम यह भी है कि पहली बार बीटेक में लगभग 20 प्रतिशत गल्र्स ने एडमिशन लिया है। दूसरी ओर ट्रिपलआइटी के स्टूडेंट्स भी कोटा में कैम्पस न होने की वजह से यहीं स्टडी कर रहे हैं।
10 हॉस्टल हैं बॉयज के एमएनआइटी में
2600 लगभग है कैपेसिटी बॉयज हॉस्टल में
2 हॉस्टल हैं गल्र्स के
650 कैपेसिटी है इनमें
150 Girls को शिफ्ट किया गया है स्टाफ क्वार्टर में
इस बार हॉस्टलर्स की संख्या में इजाफा होने से चुनौती बढ़ गई है। नए हॉस्टल से काफी राहत होगी। पीजी बॉयज को अकॉमोडेशन मिलेगा तो गल्र्स को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। प्रो.उपेन्द्र पंडेल, चीफ वार्डन, एमएनआइटी हॉस्टल