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नहीं बदली इन कॉलेज की किस्मत, सरकार ने फिर खेला बरसों पुराना दांव

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अजमेरMar 10, 2019 / 03:58 pm

raktim tiwari

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अजमेर.

महिला और बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज की उम्मीदें फिर पूरी नहीं हुई है। दोनों कॉलेज में तकनीकी शिक्षा विभाग ने कार्यवाहक प्राचार्य लगाए हैं। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में डॉ. जे. के. डीगवाल और बॉयज कॉलेज में डॉ. रोहित मिश्रा को प्रभार सौंपा गया है। जबकि निर्वतमान प्राचार्य प्रो. रंजन माहेश्वरी को वापस राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में भेज दिया गया है।
बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में लगातार जून 2015 से स्थाई प्राचार्य नहीं है। यहां नवम्बर 2016 तक डॉ. जे. पी. भामू प्राचार्य रहे। इसके बाद मई 2017 तक कॉलेज के मैकेनिकल विभाग के रीडर डॉ. रोहित मिश्रा ने अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. रंजन माहेश्वरी को कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त किया। यहां आवेदन लेने के बावजूद दो साल से स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
हाल में तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों को रिलीव करने के आदेश दिए थे। इसके चलते बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज से प्रो. रंजन माहेश्वरी को वापस राजस्थान तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय भेजा गया है। उनके स्थान पर डॉ. रोहित मिश्रा को कार्यवाहक प्राचार्य बनाया गया है।
डॉ. डीगवाल को महिला कॉलेज का प्रभार
तकनीकी शिक्षा विभाग ने डॉ. जितेंद्र कुमार डीगवाल को महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य बनाया है। डीगवाल मूलत: बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रिॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन एन्ड कंट्रोल विभाग में रीडर हैं। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में पूर्व प्राचार्य डॉ. अजयसिंह जेठू दिसंबर 2017 में में इस्तीफा देकर वापस एमएनआईटी चले गए थे। उनकी जगह प्रो. माहेश्वरी के पास अतिरिक्त जिम्मेदारी थी। उन्होंने भी पिछले साल फरवरी में हुए आंदोलन के बाद महिला कॉलेज से इस्तीफा सौंप दिया था।
पहुंचती रही हैं कॉलेज की शिकायतें
स्वायत्तशासी समिति के अधीन संचालित बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितताएं और मनमानियों की शिकायतें तत्कालीन भाजपा सरकार और राजभवन के पहुंची थी। इनमें नियुक्तियों, सामग्री की खरीद-फरोख्त,आरटीयू की परीक्षाओं में बिना जांचे अथवा कम नंबर भेजने जैसी शिकायतें शामिल थी। इससे सरकार को कई मामलों की जांच भी करानी पड़ी।

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