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अब यहां मजदूरी से भी कम है कमीशन

कमीशन पर राशन डीलर्स की आजीविका, नहीं मिल रही न्यूनतम मजदूरी, नरेगा श्रमिकों से भी कम आय

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अजमेर

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Manish Singh

Nov 29, 2019

अब यहां मजदूरी से भी कम है कमीशन

अब यहां मजदूरी से भी कम है कमीशन

मनीष कुमार सिंह . अजमेर.
प्रदेश के 26 हजार राशन डीलर्स में से आधे से ज्यादा को नरेगा श्रमिक को मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी से भी कम कमीशन मिल रहा है। हालात यह है कि राशन डीलर के घर का खर्च सिर्फ खाद्य सुरक्षा में बंटने वाले गेहूं के कमीशन पर टिका हुआ है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले राशन डीलर्स को नरेगा श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। हालात यह है कि पूरे महीने राशन वितरण में बिताने के बाद अजमेर जिले में राशन डीलर्स को बतौर कमीशन का औसत साढ़े 9 हजार से कम है। इसमें राशन डीलर्स को दुकान का किराया, बिजली खर्च के अलावा अन्य खर्च अतिरिक्त है। ऐसे में राशन विक्रेता को पूरे माह की मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। शहरी शहर में हालात तो ज्यादा खराब है। हालांकि ग्रामीण इलाके में दुकानों की संख्या कम होने और आवंटन अधिक होने से कुछ हालात ठीक है।

मानदेय की उम्मीद

राज्य सरकार ने तीन साल पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पॉस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन लगाकर राशन विक्रेताओं की सबसे बड़ी कमाई पर अंकुश लगा दिया। ऐसे में प्रदेश के राशन विक्रेता अब भी प्रतिमाह मानदेय मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

आंकड़ों की जुबानी
-खाद्य सुरक्षा योजना में जिले को गेहूं का आवंटन 82000 क्विंटल

-राशन डीलर को प्रति क्विं. 125 रुपए कमीशन
-जिले का कमीशन लगभग 1 करोड़ ढाई लाख

-सामान वितरण से प्रति राशन डीलर कमीशन साढ़े 9 हजार रुपए
डेढ़ सौ हुए कम

अजमेर जिले में 2017 तक राशन डीलर्स की संख्या 1150 थी। बीते दो साल में यह घटकर 1050 हो गई है। ज्यादातर शहरी क्षेत्र के राशन डीलर्स ने या तो लाइसेंस सरेंडर कर दिया या फिर राशन कार्ड व यूनिट कम होने से उनकी दुकान को पड़ोसी की राशन डीलर्स में मर्ज कर दिया। इसके बाद भी बचे हुए राशन राशन डीलर को पर्याप्त कमीशन नहीं मिल पाता है।
इनका कहना है...

राशन डीलर्स को गेहूं पर प्रति क्विंटल 125 रुपए कमीशन दिया जाता है। शक्कर व केरोसिन पूर्व में बंद हो चुके है। गेहूं के आवंटन के अनुपात में कमीशन बनता है।
-अब्दुल सादिक, प्रवर्तन अधिकारी अजमेर

शहरी क्षेत्र के राशन डीलर्स को नरेगा से कम मजदूरी मिल रही है। डीलर्स को अब सिर्फ प्रति क्विंटल 125 रुपए मिल रहे है जबकि डीलर्स के पास गेहूं की मात्रा 5 से 25 क्विंटल तक है। ऐसे में दुकान, बिजली व अन्य खर्च निकालना भी मुश्किल है।
-आशीष शर्मा, जिलाध्यक्ष राजस्थान राशन डीलर्स एसोसिएशन अजमेर


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