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अजमेर. आनासागर झील में बंद पड़े फ्लोटिंग फाउंटेन Fountain, एरिएशन प्लांट Ariation Plant तथा नगर निगम Nagar Nigam के फाउंटेन के मामले में जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने जांच investigation के आदेश दिए हैं। सोमवार को कलक्ट्रेट में साप्ताहिक बैठक में कलक्टर ने नगर निगम व एडीए अधिकारियों से इस बारे में जवाब मांगा तो नगर निगम ने कंगाली का रोना रोया, जबकि एडीए अधिकारियों ने कहा कि हमारे पास ठेकेदार नहीं है। हम पहले भी कई बार नगर निगम को फाउंटेन तथा एरिएशन प्लांट टेकओवर के लिए पत्र लिख चुके हैं। झील से मछलियां निकालने का ठेका मत्स्य विभाग ने १.४६ करोड़ रुपए में दिया है। जबकि झील के रखरखाव पर वह एक रुपया भी खर्च नहीं करता। बैठक में तय हुआ कि झील में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए मत्स्य विभाग फाउंटेन आदि चलाने के लिए १० लाख रुपए नगर निगम को देगा।
कमाऊ पूत है आनासागर
नगर निगम झील से सालाना करोड़ों रुपए की कमाई कर रहा है। झील किनारे बनाए गए लवकुश उद्यान का ठेका ६८ लाख रुपए में दिया गया है, जबकि नाव संचालन के लिए नगर निगम ने १.५९ करोड़ रुपए का ठेका दिया है।
बंद पड़े हैं फाउंटेन
झील में ऑक्सीजन पहुंचाने लिए एडीए के एरिएशन प्लांट, फ्लोटिंग फाउंटेन, जेट फाउंटेन तथा चौपाटी पर लगाए गए नगर निगम के फाउंटेन बंद पड़े हैं। इसके लिए लाखों रुपए खर्च कर आरएसआरडीसी द्वारा सर्किट हाउस के नीचे बनाया गया झरना भी कई महीनों से बंद पड़ा है।
फव्वारों को तत्काल करें चालू
कलक्टर ने नगर निगम को निर्देशित किया कि आनासागर के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए बन्द पड़े एयरेशन एवं फव्वारों को तत्काल चालू करें। डीविडिंग मशीन भी तत्काल झील में उतारकर सफाई कराई जाए। उन्होंने बताया कि झील में तापमान ठंडा होने से ऑक्सीजन की कमी से मछलियां मृत पाई गई थीं। इसके लिए एयरेशन एवं फव्वारों की संख्या भी बढ़ाकर उन्हें चालू करें। उन्होंने कहा कि झील में आने वाले नालों को सीवरेज से कनेक्ट करें। साथ ही झील के पानी की जांच कराएं तथा पर्यटकों द्वारा मछली को खाद्य सामग्री नहीं डालने के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
Published on:
03 Dec 2019 06:03 am
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