रक्तिम तिवारी/अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) ने सम्बद्ध कॉलेज पर पैनी निगरानी की तैयारी कर ली है। सभी कॉलेज को विषयवार आवंटित सीट (alloted seat) पर ही प्रवेश देने होंगे। स्वीकृत सीट से ज्यादा दाखिलों पर कॉलेज-विद्यार्थियों का परिणाम रोका जाएगा। इसके लिए अधिसूचना जारी हो गई है।
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विश्वविद्यालय से करीब 300 कॉलेज सरकारी और निजी कॉलेज सम्बद्ध है। इनमें भीलवाड़ा, टोंक, नागौर और अजमेर के बीएड, स्नातक-स्नातकोत्तर कॉलेज शामिल हैं। निजी कॉलेज से विश्वविद्यालय को क्षमता से अधिक सीट (seats) पर दाखिले देने, बिना मंजूरी के विषय खोलने, एक से ज्यादा संस्थानों से सम्बद्धता, संसाधनों की कमी (infrastructure) जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर जुर्माना अथवा औपचारिक कार्रवाई होती रही है।
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बनाएं वेबसाइट, दें सूचना
सभी निजी और सरकारी कॉलेज को वेबसाइट (college website) बनानी जरूरी होगी। कॉलेज को प्राचार्य और शिक्षकों के नाम, पदनाम, संचालित विषय/संकाय, सीटों की संख्या, आय-व्यय और संसाधनों की जानकारी अपलोड करनी जरूरी होगी। कॉलेज को विश्वविद्यालय की वेबसाइट से खुद की साइट लिंक करनी होगी। इसके अलावा डिजिटल फॉर्मेट (digital format) में यह सूचनाएं बनाकर विश्वविद्यालय को भेजनी होंगी।
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कॉलेज में कमियां अपार….
-विषयवार-संकायवार नहीं हैं पर्याप्त शिक्षक
-कई विषयों योग्यताधारक नहीं है शिक्षक-बीएड, उच्च शिक्षा कॉलेज में खेल मैदान, छात्रावासों का अभाव
-90 प्रतिशत कॉलेज के नहीं है वेबसाइट
-प्राचार्य, उपाचार्य, शिक्षकों का ब्यौरा नहीं है वेबसाइट
-नेक ग्रेड नहीं हैं कई बीएड और उच्च शिक्षा कॉलेज के पास
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कैंप में कसा था शिकंजा
पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने बीते साल 3 से 5 जुलाई तक बीए कॉलेज सम्बद्धता शिविर (camps for college) लगाए थे। उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर कॉलेज के दस्तावेजों, संसाधनों की जांच कराई। साथ ही कॉलेज को दस्तावेजों में गड़बड़ी और कमियां नहीं सुधारने पर एफआईआर दर्ज कराने और मान्यता निरस्त करने की चेतावनी दी थी।
निजी या सरकारी कॉलेज का ब्यायौरा पोर्टल पर अपलोड होगा। जो ज्यादा सीट पर प्रवेश देंगे उनका परिणाम रुकेगा और कार्रवाई की जाएगी। प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय