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अब नहीं जुटते रिश्तेदार, नहीं ललचाते लजीज व्यंजन और पकवान

कोरोना ने किस तरह बदल दीं हमारी सांस्कृतिक परंपरा : सादगी से हुई शादी, वीडियो कॉलिंग से दिया आशीर्वाद

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अजमेर

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Mukesh Gaur

May 09, 2020

अब नहीं जुटते रिश्तेदार, नहीं ललचाते लजीज व्यंजन और पकवान

अब नहीं जुटते रिश्तेदार, नहीं ललचाते लजीज व्यंजन और पकवान

अरांई (अजमेर). लॉकडाउन के बीच बेहद सादगी से वर-वधु पक्ष के डेढ दर्जन लोगों के बीच शादी सम्पन्न हुई। शादी में वर-वधु ने मास्क लगाकर हर विधान से पहले सेनेटाइजर से हाथ धोए। रिश्तेदारों और परिवार वाले विडियो कॉलिंग के माध्यम से शादी में शरीक हुए और ऑनलाइन ही आशीर्वाद दिया। वर पक्ष से बारात में पांच लोग शामिल हुए। वहीं वधु पक्ष से एक मामा सहित कुल बारह लोग शरीक रहे। यह अनोखी शादी आकोडिया के मुण्डोती गांव में हुई। बारात दादिया गांव से मुण्ड़ोती पहुंची थी। दादिया के दामोदर शर्मा पुत्र रामस्वरूप शर्मा की शादी मुण्डोती की पूजा शर्मा पुत्री सत्यनारायण शर्मा से तय हुई थी। शादी से कुछ दिनों पूर्व दुल्हन पूजा के दादाजी की मृत्यु होने पर शादी टाल दी गई। इसके बाद होली के बाद 7 मई को शादी तय की गई। कोरोना के कारण पहले 22 मार्च को जनता कफ्र्यू फिर लॉकडाउन के कारण परिवारजन चिंता में आ गए। इसके बाद दोनों परिवारों ने सूझबूझ का रास्ता अपनाते हुए लॉकडाउन में ही गाइडलाइन की पालना करते हुए शादी करने का फैसला किया।

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एसडीओ से लगाई गुहार
उमेश शर्मा ने बताया कि लड़के के परिजनों ने किशनगढ़ उपखण्ड़ अधिकारी के यहां शादी का आवेदन किया। एसडीओ ने कोरोना एडवायजरी का पालन करते हुए अधिकतम 21 लोगों की मौजूदगी में शादी कराने की अनुमति प्रदान की। तब बीते गुरूवार को वर सहित कुल पांच लोग बारात लेकर मुण्डोती पहुंचे। इसके बाद परिवार के चुनिंदा सदस्यों के बीच पण्डित शिवप्रसाद शर्मा ने विवाह संपन्न कराया।