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अजमेर

RPSC: थोड़ी देर में शुरू होगी परीक्षा, नहीं भूलें मास्क पहनना

अजमेर जिला मुख्यालय पर हो रही है सहायक आचार्य संवीक्षा।

अजमेरAug 14, 2020 / 07:12 am

raktim tiwari

rpsc exam

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अजमेर.

राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में सहायक आचार्य संवीक्षा परीक्षा-2020 जारी है। शुक्रवार को सहायक आचार्य (सुपर स्पेशलिटी) के तहत विभिन्न विषयों के पेपर होंगे। इसके साथ ही चार दिन से जारी परीक्षा समाप्त हो जाएगी।
सहायक आचार्य (ब्रॉड स्पेशलिटी) और सहायक आचार्य (सुपर स्पेशिलिटी) संवीक्षा परीक्षा-2020 का आयोजन अजमेर जिला मुख्यालय पर कराया जा रहा है। शुक्रवार को केवल सुबह की पारी में पेपर होंगे। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों में मास्क पहनना जरूरी होगा। केंद्रों पर थर्मल स्कैनर से जांच होगी।
होंगे ये पेपर(सुपर स्पेशलिटी)
सुबह 9 से 12 बजे-न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, सर्जिकल ऑनकॉलोजी

ये रही 13 अगस्त की उपस्थिति
कार्डियोलॉजी में 42 (73.68), कार्डियो वेस्क्यूलर एंड थोराइक सर्जरी में 21 (77.78), एंडोक्राइनोलॉजी में 05 (62.50), मेडिकल गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी में 10 (90.91), मेडिकल ऑनकॉलोजी में 06 (66.67), नियोनेटॉलोजी में 14 (66.67), नेफ्रोलॉजी में 7 (70.0)और न्यूरोलॉजी में 25 (71.43) अभ्यर्थी बैठे।
बोली यूजीसी, कॉलेज-यूनिवर्सिटी को करना होगा ये काम
रक्तिम तिवारी/अजमेर. देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी अब शिक्षकों/आवेदकों के मूल प्रमाण पत्र ‘दबाकर Ó नहीं बैठ सकेंगे। इन संस्थानों को शिक्षकों/आवेदकों के नौकरी छोडऩे वक्त प्रमाण पत्र देने जरूरी होंगे। यूजीसी ने देश के सभी संस्थानों को इसके आदेश जारी किए हैं।
सरकारी और निजी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य, रीडर और प्रोफेसर पद के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। यह नियुक्तियां स्थाई अथवा कॉन्ट्रेक्ट आधार पर होती हैं। आवेदन अथवा साक्षात्कार के दौरान कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों/आवेदकों से मूल शैक्षिक अंकतालिका/ प्रमाण पत्र मांगते हैं।
वापस नहीं लौटाते दस्तावेज
शिक्षकों/आवेदकों के कॉलेज-यूनिवर्सिटी में चयन होने के बाद शैक्षिक दस्तावेज जमा कर लिए जाते हैं। शिक्षकों के किसी दूसरे संस्थानों में आवेदन, नौकरी छोडऩे अथवा अन्य किसी कारण बताने पर संस्थान मूल दस्तावेज नहीं लौटाते। संस्थान दस्तावेजों को लेकर आनाकानी करते हैं। इससे शिक्षकों को परेशानियां होती हैं।
लौटाने होंगे दस्तावेज
यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी संस्थानों को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि किसी शिक्षक/आवेदक के मूल शैक्षिक दस्तावेज अकारण रोकना अथवा नहीं लौटाना उसके मूल अधिकारों का हनन है। कॉलेज-यूनिवर्सिटी को शिक्षक या अभ्यर्थी के मांगने पर तत्काल दस्तावेज लौटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर यूजीसी कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
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