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जिले में लगभग सभी जगह किसानों ने चने की बुवाई में रुझान दिखा है। यही कारण है कि कृषि विभाग के लक्ष्य से भी अधिक बुवाई हुई है। कृषि विभाग की ओर से जिले में चने का 95 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था, जबकि 1 लाख 25 हजार 38 हैक्टेयर में चने की बुवाई की गई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस साल चना किसानों की झोली भर देगा। यह भी पढ़ें
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उप जिला क्षेत्र अजमेर में जहां 22 हजार हैक्टेयर में चने की बुवाई की गई, वहीं ब्यावर क्षेत्र में 38 हजार 553 हैक्टेयर और केकड़ी उप जिला क्षेत्र में सर्वाधिक 64,485 हैक्टेयर में चने की बुवाई की गई है। केकड़ी क्षेत्र समेत अरांई और सरवाड़ क्षेत्र में किसानों ने चने की फसल में खासा रुझान दिखाया है। वहीं और सालों में जहां किसान इन दिनों में मौसम की नमी से ही काम चलाते थे, वहीं इस साल पर्याप्त पानी होने से सिंचाई कर चने की फसल को पानी पिलाया जा रहा है। आने वाले दिनों में अगर मावठ (mavath) होती है तो चने की फसल को फायदा होगा। यह भी पढ़ें
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इनका कहना है… जिले के किसानों ने चने की बुवाई में अधिक रुझान दिखाया है। इस साल चने की लक्ष्य से काफी अधिक बुवाई हुई है। तालाबों में पानी भरने और कुओं का जलस्तर बढऩे का किसानों को रबी फसल में लाभ मिलेगा। वी. के. शर्मा, उप निदेशक, कृषि विभाग
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