टोंक-भीलवाड़ा की महिलाएं
समाज कल्याण अधिकारी विशाल सोलंकी ने बताया कि जून 2018 में अदालत के आदेश पर मुम्बई से पुनर्वास के 9 टोंक की 9 महिलाओं को लाया गया। गत दिनों 5 महिलाएं भीलवाड़ा की भी आ गई। संख्याबल बढ़ते ही उनका विरोध भी बढ़ गया। ये महिलाएं नारी निकेतन में नहीं रहना चाहती है। पूर्व में भी काउंसलिंग की लेकिन नारी निकेतन से भागी महिलाएं आए दिन हंगामा करती थी। मंगलवार रात को उन्होंने एक साथ भागने का षड्यंत्र रचा था।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिखा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने मुख्यालय को नारी निकेतन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लिखा है। जानकारी के अनुसार नारी निकेतन के भीतर मुख्य इमारत में दो महिला गार्ड हैं जबकि मुख्यद्वार पर एक वृद्ध सुरक्षाकर्मी है। विभागीय अधिकारियों ने सिक्योरिटी गार्ड बढ़ाने और चार दीवारी को ऊंची बढ़वाने की डिमांड भेजी है।
पुलिस ने किया निरीक्षण क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस की टीम ने बुधवार सुबह नारी निकेतन में घटनास्थल का नक्शा बनाया। वहीं महिला सुरक्षा गार्ड व चौकीदार के बयान दर्ज किया। इधर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने शेष 9 महिलाओं की काउंसलिंग की। उन्होंने कोर्ट के आदेश पर ही छोडऩे की बात कही।
शिफ्ट का विकल्प तलाशा समाज कल्याण विभाग के अधिकारी शेष 9 महिलाओं के स्थानान्तरण का विकल्प भी तलाश रहे हंै। विभागीय अधिकारी ने बुधवार को महिलाओं की काउंसलिंग के बाद उनके स्थानान्तरण के मुद्दे पर विचार किया। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सरिता सिंह से मुलाकात कर सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि नारी निकेतन पर पुलिस के जवान तैनाती पर उन्होंने इन्कार कर दिया। उनका तर्क था कि नारी निकेतन सुधार गृह है न कि जेल। यहां पुलिस गार्ड की तैनाती संभव नहीं है।
इनका कहना है… नारी निकेतन के आसपास काफी मकान बन चुके है। ऐसे में चार दीवारी को ऊंचा किया जाना प्रस्तावित है। मुख्यालय को चार दीवारी की ऊंचाई बढ़ाने समेत सुरक्षा के लिए तकमीना बनाकर भेजा जा चुका है। भागने वाली महिलाओं में पांचों टोंक जिले से संबंधित है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
-अदिति माहेश्वरी, अधीक्षक नारी निकेतन