scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट करने पर रोक बढ़ाई, पांच वर्ष बीत जाने के बाद नहीं दाखिक हुआ जवाब | Allahabad High Court extends ban on SC certificate to 18 castes of OBC | Patrika News

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट करने पर रोक बढ़ाई, पांच वर्ष बीत जाने के बाद नहीं दाखिक हुआ जवाब

locationप्रयागराजPublished: May 21, 2022 07:03:25 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। हालांकि मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वह विचार कर रही है। कहा गया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पुनर्विचार किया जाएगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ कर रही थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट करने पर रोक बढ़ाई, पांच वर्ष बीत जाने के बाद नहीं दाखिक हुआ जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट करने पर रोक बढ़ाई, पांच वर्ष बीत जाने के बाद नहीं दाखिक हुआ जवाब

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी जातियों पर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले पर लगी रोक को और आगे बढ़ा दी है। उत्तर प्रदेश में ओबीसी की 18 जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बार इन 18 जातियों को एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर लगी रोक बढ़ा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पांच साल बीत जाने के बावजूद इन याचिकाओं पर जवाब दाखिल नहीं किया गया है।
कोर्ट ने दिया था अंतिम मौका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पिछली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया था। हालांकि मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वह विचार कर रही है। कहा गया कि मंत्रिमंडल की बैठक में पुनर्विचार किया जाएगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ कर रही थी।
इसके पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को 18 ओबीसी जातियों पर सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी। इस मामले में डॉ. भीमराव अंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश पारित किया था। ओबीसी की 18 जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश सरकार में जारी हुआ था। इसके बाद 24 जून 2019 को भी योगी सरकार में नोटिफिकेशन जारी हुआ था। हाईकोर्ट ने इस नोटिफिकेशन पर भी रोक लगा रखी है।
इन जातियों को लेकर मच रहा है हंगामा

याचिकाकर्ता की दलील है कि ओबीसी जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है। राज्यों को इस मामले में कोई अधिकार नहीं प्रदान किया गया है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा रखी है। ओबीसी की मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इस मामले में जुलाई के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई निर्धारित की गई है।

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