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इलाहाबाद विश्वविद्यालय: फीस वृद्धि के विरोध में प्रोफेसर ने आंदोलनकारियों का किया समर्थन, कुलपति की निकली शवयात्रा

400% की वृद्धि के विरोध में चल रहे आमरण अनशन में छात्रों को समर्थन देने विश्वविद्यालय मध्यकालीन विभाग के प्रोफेसर विक्रम कुमार पहुंचे। उन्होंने कहा कि जहां पर शिक्षा नि:शुल्क होनी चाहिए। जिस देश की शिक्षा व्यवस्था निशुल्क है वहां का शिक्षा का स्तर सबसे ऊपर है और जिस देश की शिक्षा व्यवस्था महंगी है वहां का शिक्षा का स्तर सबसे निम्न स्तर पर है। मैं जीने मरने से नहीं डरता, मैं हमेशा फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के साथ हूं।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय: फीस वृद्धि के विरोध में प्रोफेसर ने आंदोलनकारियों का किया समर्थन, कुलपति की निकली शवयात्रा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय: फीस वृद्धि के विरोध में प्रोफेसर ने आंदोलनकारियों का किया समर्थन, कुलपति की निकली शवयात्रा

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे छात्रसंघ संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में अनशन का 792 दिन व 400% फीस वृद्धि के विरोध में चल रहे आमरण अनशन का 17वा दिन भी जारी रहा। 400% की वृद्धि के विरोध में चल रहे आमरण अनशन में छात्रों को समर्थन देने विश्वविद्यालय मध्यकालीन विभाग के प्रोफेसर विक्रम कुमार पहुंचे। उन्होंने कहा कि जहां पर शिक्षा नि:शुल्क होनी चाहिए। जिस देश की शिक्षा व्यवस्था निशुल्क है वहां का शिक्षा का स्तर सबसे ऊपर है और जिस देश की शिक्षा व्यवस्था महंगी है वहां का शिक्षा का स्तर सबसे निम्न स्तर पर है। मैं जीने मरने से नहीं डरता, मैं हमेशा फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के साथ हूं।

वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर बिना किसी अथॉरिटी के अपने साथ गुंडे लेकर घूम रहे हैं। और हमारे गांधीवादी आंदोलन को लगातार डिस्टर्ब करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ छात्रों ने छात्रसंघ भवन पर कुलपति की अर्थी भी निकाली और उनका कहना है कि विश्वविद्यालय की कुलपति की ममता मर चुकी है। अगर उनकी ममता तनिक भी जिंदा होती तो वह छात्रों से जरूर वार्ता करती, उनकी ममता मर चुकी है। इसीलिए हम सभी छात्र कुलपति की अर्थी निकाल रहे हैं।

गाड़ी में फीस वृद्धि आंदोलन को समर्थन देने समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप यादव पहुंचे। उन्होंने छात्रों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार के इशारे पर छात्रों को पढ़ने के अधिकार से वंचित करना चाहती है। आमरण अनशन पर बैठे पांच सदस्य छात्रों में मुख्य आंदोलन के नेतृत्व करता है अजय यादव सम्राट, विश्वविद्यालय के छात्र संघ उपाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई अखिलेश यादव, अजय पांडेय बागी, सास्वत नितिन भूषण, सिद्धार्थ गोलू हैं।