क्या कहा है कोर्ट ने
– कोरोना का भूत गली, सड़क पर दिन-रात मार्च कर रहा।
– यूपी में लोगों का जीवन भाग्य भरोसे
– भय से घरों में लॉकडाउन हैं लोग
– सड़कें रेगिस्तान की तरह सूनसान हैं
– जीवन बचाने को अस्पतालों के चक्कर लगा रहे लोग
– अस्पताल मरीजों की जरूरत पूरी करने में असमर्थ
– डॉक्टर और अन्य स्टॉफ थक चुके हैं
– जीवन रक्षक दवाएं, इंजेक्शन की मारामारी
– ऑक्सीजन, मांग और आपूर्ति के मानक पर खरी नहीं
– सरकार के उपाय नाकाफी हैं
– बड़े शहरों में मरीजों की हेल्थ बुलेटिन जारी हो
– अस्पताल पर मरीजो के परिजनों का दवाब रोके सरकार
– अस्पताल की सफाई का रखें ध्यान
– अस्पतालों में बेड की स्थिति की जानकारी दी जाए
– पेपर वर्क बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
– कोविड नियंत्रण के नये सिरे से तैयार करें प्लान
– अभी के प्लान सुरसा की तरह मुंह फैलाए पेन्डेमिक के लिए नाकाफी
किसका है आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और अजित कुमार की खंडपीठ का
नौ शहरों पर फोकस
हाईकोर्ट ने 3 मई तक लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, आगरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और झांसी शहर की कार्ययोजना मांगी है। यहां हालत ज्यादा खराब है।
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क्यों न चले आपराधिक मामला
यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात 135 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट ने कहा चुनाव आयोग ने इलेक्शन के दौरान सरकारी गाइडलाइंस का पालन नहीं किया।
– चुनाव ड्यूटी कर रहे करीब 135 सरकारी कर्मचारियों की मौत पर क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और आपराधिक अभियोग चलाया जाए।
मेरा कायदा मानो…
कोर्ट ने कहा-जो लोग सत्ता में हैं, वे ‘मेरा कायदा मानो, वरना कोई कायदा नहीं जैसा रवैया छोड़ दें।
– सरकार का प्लान फेल है। सरकार माय वे या नो वे (मेरा रास्ता या कोई रास्ता नहीं) का तरीका छोड़े और लोगों के सुझावों पर भी अमल करे।
– नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना बेहद शर्मनाक है