scriptइलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त टिप्पणी देते हुए जमानत देने से किया इन्कार, जानिए वजह | High court refuses to grant bail in minor rape case | Patrika News
प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त टिप्पणी देते हुए जमानत देने से किया इन्कार, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 12 वर्ष से छोटी बच्ची से दुष्कर्म में 20 वर्ष की कारावास बढ़कर उम्रकैद हो सकती है। साथ ही जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे में ट्रायल से पहले आरोपित को निर्दोष नहीं माना जा सकता। इस सख्त टिप्पणी के साथ कोर्ट ने आठ साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है और जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

प्रयागराजApr 12, 2022 / 01:50 pm

Sumit Yadav

लाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त टिप्पणी देते हुए जमानत देने से किया इन्कार, जानिए वजह

लाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त टिप्पणी देते हुए जमानत देने से किया इन्कार, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी देते हुए आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म न केवल पीड़िता के विरुद्ध अपराध है अपितु यह पूरे समाज के खिलाफ अपराध है। जीवन के मूल अधिकारों का हनन है। यदि एक्शन नहीं लिया गया तो लोगों का न्याय तंत्र से भरोसा उठ जाएगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 12 वर्ष से छोटी बच्ची से दुष्कर्म में 20 वर्ष की कारावास बढ़कर उम्रकैद हो सकती है। साथ ही जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे में ट्रायल से पहले आरोपित को निर्दोष नहीं माना जा सकता। इस सख्त टिप्पणी के साथ कोर्ट ने आठ साल की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है और जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारत में बच्चियों की पूजा की जाती है। इसके बावजूद बच्चियों के साथ लगातार दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके बाद कुछ लड़कियों ने तो अपना जीवन समाप्त कर ले रहीं है। इसके साथ ही कई ऐसे घटना है जहां पर परिवार इज्जत बचाने के लिए ऐसी घटनाओं को दबा दिया जाता है।
यह भी पढ़ें

Allahabad High Court: पत्नी और बच्चों को गुजारा भत्ता न मिलने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट चिंतित, डीजीपी को दिया निर्देश

मामले में यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने गोरखपुर, बांसगांव निवासी आरोपित चंद्र प्रकाश शर्मा की अर्जी पर दिया है। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि इससे असहाय बच्ची की आत्मा को ठेस पहुंचती है। ट्रायल पूरा होने से पहले आरोपित की निर्दोषिता का निर्णय नहीं किया जा सकता। आठ साल की बच्ची दुष्कर्म और उसके दुष्परिणाम नहीं जानती। अभियोजन के मुताबिक 16जुलाई 2021 को पीडि़ता अमरूद तोड़ने घर के बगल में गई थी, जहां याची ने छेड़छाड़ के बाद दुष्कर्म किया। पीड़िता ने घर में बताया तो मेडिकल जांच के बाद एफआइआर दर्ज कराई गई। 17 जुलाई से आरोपित जेल में बंद है। सत्र अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

Home / Prayagraj / इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सख्त टिप्पणी देते हुए जमानत देने से किया इन्कार, जानिए वजह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो