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होली के रंग ने कर दिया भंग, इस वजह से जा सकती है आंखों की रोशनी, मामले देखकर जाने क्यों डॉक्टर हुए हैरान

प्रयागराज में दो दिनों से लोग होली के रंग में डूबे हैं। लेकिन आंखों में रंग या फिर कीचड़ जाने से मामले अधिक बढ़ गए हैं। मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय के आकस्मिक विभाग में डाक्टरों की टीम के पास ऐसे 20 से अधिक मामले आए हैं। अस्पतालों में इलाज कराने गए ऐसे पीड़ितों की संख्या सौ से ज्यादा है।

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होली के रंग ने कर दिया भंग, इस वजह से जा सकती है आंखों की रोशनी, मामले देखकर जाने क्यों डॉक्टर हुए हैरान

होली के रंग ने कर दिया भंग, इस वजह से जा सकती है आंखों की रोशनी, मामले देखकर जाने क्यों डॉक्टर हुए हैरान

प्रयागराज: कोरोना काल के बाद यह पहली होली है जिसमें हर तरह से छूट दी गई है। दो दिनों तक जमकर होली खेली जा रही है। लेकिन प्रयागराज में ऐसी होली पर हुडदंग हुआ कि आंखों में रंग और कीचड़ जाने से रोशनी चली गई। हुड़दंगी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और युवक आंखों में बैटरी वाला पानी झोंक दिया तो किसी की पुतली नाले के पानी और कीचड़ से रगड़ दी। ऐसा प्रयागराज में देखने को मिला।

होली की वजह से बढ़े मामले

प्रयागराज में दो दिनों से लोग होली के रंग में डूबे हैं। लेकिन आंखों में रंग या फिर कीचड़ जाने से मामले अधिक बढ़ गए हैं। मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय के आकस्मिक विभाग में डाक्टरों की टीम के पास ऐसे 20 से अधिक मामले आए हैं। अस्पतालों में इलाज कराने गए ऐसे पीड़ितों की संख्या सौ से ज्यादा है। आंख के मामले को जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। किसी के आंखों में बैठारी वाला पानी पड़ा तो किसी के पुलती में खीचड़ से रगड़ा गया है। आंख पर हुए हमले वाले केस को देखकर डॉक्टर भी हैरान हो गए हैं।

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आंख पर पड़ा विपरीत प्रभाव

प्रयागराज अल्लाहपुर के रहने वाले 238 वार्षिय अनूप के आंखों में बैठारी वाला पड़ा जिसकी वजह परिजन लेकर मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय गए थे। भावापुर निवासी पवन कुशवाहा, करेली निवासी मोहम्मद फहत असरी, खुल्दाबाद निवासी अतुल कुमार सिंह, गढ़ीकला लीडर रोड के रहने वाले वरुण और खुल्दाबाद निवासी मोहित केसरवानी आदि अन्य पीड़ितों को लेकर उनके स्वजन आंख के अस्पताल पहुंचे। इन सभी की आंख में रंगोत्सव के दौरान कुछ न कुछ ऐसी चीजें डाली गईं जिससे पुतली और आंख की रोशनी पर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

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आंखों के इलाज के पहुंचे लोग

शनिवार को होली के अधिक मामले आये। नेत्र आकस्मिक विभाग में दिन भर ऐसे लोग इलाज कराने पहुंचे जिनकी आंख में रंग, कीचड़ या कुछ अन्य हानिकारक तत्व दूसरे लोगों ने जबरन लगाए। दूसरे दिन भी लोकनाथ निवासी पंकज अग्रवाल, अतरसुइया निवासी बाबी, मोहत्सिमगंज के रहने वाले रामजी और अल्लापुर निवासी नीलिमा गुप्ता ने आंख में रंग से हुई तकलीफ पर नर्सिंग होम में इलाज कराया। नर्सिंग होम संचालकों का कहना है कि दो दिनों में कुल 100 से अधिक लोग इलाज कराने आए।

डॉक्टरों ने दिया सलाह

नेत्र चिकित्सालय के निदेशक नेत्र सर्जन डॉक्टर एसपी सिंह ने कहा कि जितने भी मामले आये हैं सभी का इलाज करके घर भेज दिया गया है। लेकिन होली पर रंग के अलावा और भी किसी नुकसान दयाल चीजों से होली न खेले। केमिकल से आंखों की रोशनी भी जा सकती है।