
बलात्कार मामले में फलाहारी को मौत तक जेल की सजा, इतने लाख का लगाया जुर्माना
अलवर. बहुचर्चित फलाहारी यौन शोषण मामले में अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश (संख्या-1) राजेन्द्र शर्मा ने बुधवार को दोषी फलाहारी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। फैसले के इंतजार में दिनभर न्यायालय परिसर में लोगों की भीड़ जुटी रही। मधुसूदन आश्रम अलवर के कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी पर बिलासपुर (छत्तीसगढ़) की एक युवती ने 7 अगस्त 2017 को आश्रम में ही यौन शोषण का आरोप लगाते हुए एक माह बाद बिलासपुर पुलिस को प्राथमिकी दी। बिलासपुर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर प्रकरण को अलवर पुलिस को सुपुर्द किया था।
अरावली विहार थाना पुलिस ने उक्त जीरो एफआईआर पर 20 सितम्बर2017 को फलाहारी के विरुद्ध मामला दर्ज किया तथा 23 सितम्बर को आरोपी फलाहारी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। पुलिस ने प्रकरण में जांच रिपोर्ट अपर मुख्य न्यायाधीश संख्या-2 के समक्ष पेश की। प्रकरण सैशन ट्रायल होने के कारण इस अदालत से जिला एवं सैशन न्यायालय में भेजा गया। जहां से अपर जिला एवं सैशन न्यायालय संख्या-1 अलवर को कमिट किया गया। न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा की कोर्ट में 11 जनवरी 2018 को पत्रावली आई तथा 22 जनवरी 2018 को फलाहारी पर यौन शोषण की धारा 376 (2) (च) एवं पीडि़ता के शरीर व ख्याति को क्षति पहुंचाने की धारा-506 के तहत आरोप तय किए गए। इस चर्चित प्रकरण में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक योगेन्द्र सिंह खटाना व पीडि़ता के वकील अनिल वशिष्ठ ने अपराध को साबित करने के लिए 30मौखिक साक्ष्य, 78 दस्तावेजी एवं 21 आर्टिकल्स साक्ष्य के रूप में पेश किए।
प्रकरण में अभियोजन द्वारा बहस पूरी करने के बाद बचाव पक्ष को मौका दिया गया। आरोपी फलाहारी के वकील अशोक कुमार शर्मा ने सात गवाहों के बयान कराते हुए न्यायालय को अपनी दलील व तर्क पेश किए। मंगलवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद न्यायाधीश शर्मा ने प्रकरण में बुधवार को फलाहारी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुना दी।
Updated on:
27 Sept 2018 09:45 am
Published on:
27 Sept 2018 08:28 am
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