– लगाया आरोप, चुनाव कराने वाले अफसरों की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध, उनकी जगह नए अधिकारी चुनाव के लिए लगाएं जिला परिषद ने दो साल से जिला आयोजना समिति का चुनाव नहीं करवाया। इस चुनाव से पहले तैयारी साधारण सभा व स्थापना समिति की बैठक कराने की हो रही है। कुछ जिला पार्षदों ने कहा है कि आयोजना समिति का चुनाव कराने के बाद ही आगे की प्रक्रियाएं शुरू होनी चाहिए। उन्होंने ये भी चेताया है कि यदि साधारण सभा या स्थापना समिति की बैठक की गई तो इसका विरोध होगा। सरकार से जांच आदि भी करवाई जाएगी।
जिला प्रमुख के चुनाव के तुरंत बाद ही जिला आयोजना समिति का गठन होना था लेकिन दो साल से ऐसा नहीं किया गया। बिना आयोजना समिति के ही प्रस्ताव पास किए जा रहे हैं। 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त के कामों को यही समिति पास करती है। इसके अलावा जिले के विकास का खाका भी इसी समिति से होकर गुजरता है। अब तक जिला परिषद व उससे जुड़े अफसरों ने चुनाव करवाने की नहीं सोची। अब मांग तेज हो गई है। कुछ जिला पार्षदों का कहना है कि अब चुनाव न करवाने की तो जांच होगी ही। साथ ही जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई तय है। उनका कहना है कि साधारण सभा व स्थापना समिति की बैठक अफसर न कराएं। पहले समिति का चुनाव प्राथमिकता से हो। उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो।
उन्होंने यह भी कहा है कि आयोजना समिति का चुनाव कराने वाले अफसरों की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है। उन्हें बदला जाए। जब सभी नगर निकायों से सूचना आ चुकी हैं तो फिर आयोजना समिति के चुनाव में देरी क्यों हो रही है। कई पार्षदों ने तैयारी की है कि जल्द चुनाव की तिथि सामने नहीं आई तो वह परिषद के बाहर प्रदर्शन भी कर सकते हैं।