यूनिट का काम लगभग पूरा एनटीपीसी टांडा की तरफ बहुत दिनों से प्रतीक्षित विस्तारीकरण की योजना, जिसमे 660 मेगावाट दो यूनिटों का कार्य पिछले लगभग तीन सालों से चल रहा है। इन दोनों यूनिटों में से यूनिट नंबर एक का काम लगभग पूरा हो चुका है और बहुत जल्द ही इस यूनिट का उत्पादन पूर्वांचल के जिलों समेत बिहार प्रदेश को मिलना शुरू हो जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले उत्पादन शुरू होने पर इसका राजनीतिक लाभ भी भाजपा को मिलना तय माना जा रहा है।
पूर्वांचल में बिजली का संकट होगा दूर विपक्ष भले ही केंद्र और प्रदेश पर आरोप लगाती रही हो, लेकिन एनटीपीसी की इस इकाई के शुरू हो जाने से पूर्वांचल के कई जिलों बिजली की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी। एनटीपीसी के कार्यकारी निदेश के एस राजीव ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि एनटीपीसी की टांडा इकाई के विस्तारीकरण का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है और मार्च में एक यूनिट से उत्पादन भी शुरू होने लगेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में दूसरी यूनिट भी उत्पादन शुरु कर देगी। कार्यकारी निदेशक ने कहाकि टांडा से होने वाले बिजली उत्पादन से पूर्वांचल के कई जिलों को सीधा लाभ मिलेगा, जो इस क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है।
सामाजिक क्षेत्रों में भी एनटीपीसी स्थापित कर रही है कई आयाम देश की अग्रणी संस्था एनटीपीसी न सिर्फ बिजली उत्पादन करके देश को आर्थिक रूप से समृद्धशाली बना रही है, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी एनटीपीसी कई ऐसे कार्य कर रही, जिससे समाज के अति पिछड़े, गरीब और असहाय लोगों का जीवन स्तर में बदलाव लाया जा सके। कार्यकारी निदेशक के एस राजीव ने पत्रकारों को बताया कि एनटीपीसी टांडा के आसपास के गांवों, प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को पाठन सामग्री उपलब्ध कराने के अलावा स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम और दिव्यांग जनों के लिए पुनर्वास केंद्र का संचालन, उन्हें उपकरण उपलब्ध कराने के साथ साथ दिव्यांग और गरीब महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है।