काफी देर तक जब चारों सैप्टिक टैंक से बाहर नहीं निकले तो गांव के लोगों को गैस की दुर्गंध आई। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना जयनगर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी से टैंक को तोड़कर चारों के शवों को बाहर निकाला। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जयनगर थानांतर्गत ग्राम लटोरी के नवापारा निवासी सत्यनारायण कुशवाहा 55 वर्ष ने 25 दिन पूर्व नए सैप्टिक टैंक का निर्माण कराया था। सैप्टिक टैंक की सेट्रिंग निकालने उसने २ अन्य मजदूरों विजय कंवर 30 वर्ष व झेमल को भी बुलाया था। मंगलवार की सुबह 9.30 बजे दोनों मजदूर सैप्टिक टैंक के भीतर सेट्रिंग प्लेट निकालने घुसे थे लेकिन वे बाहर नहीं निकल पाए।
यह देख सत्यनारायण व उसका बेटा 30 वर्षीय भानू भी टैंक के नीचे उतरे, लेकिन वे भी बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। काफी देर बाद जब चारों टैंक के भीतर से बाहर नहीं निकले तो पड़ोस के अन्य लोग वहां पहुंचे। 3 ग्रामीण जब टैंक के भीतर घुसने लगे तो उन्हें गैस की दुर्गंध आई। इससे वे भी बेहोशी की हालत में आने लगे।
इसी बीच तीनों निकलकर वहां से भागे और इसकी सूचना गांव में दी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही लटोरी चौकी प्रभारी व जयनगर टीआई तेजनाथ सिंह अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।
इधर घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी आरपी साय भी घटनास्थल पहुंचे। पुलिस ने जहरीली गैस के रिसाव की आशंका पर जेसीबी मंगाकर सैप्टिक टैंक को तुड़वाया और बाप-बेटे सहित दोनों मजदूरों का शव बाहर निकलवाया। घटना से नवापारा क्षेत्र में मातम पसर गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुराने सैप्टिक टैंक से गैस रिसाव की आशंका
निर्माणाधीन सैप्टिक टैंक के बगल में ही पुराना सैप्टिक टैंक भी स्थित है। उसी से सटाकर उक्त टैंक का निर्माण किया गया था। आशंका जताई जा रही है कि पुराने टैंक से ही जहरीली गैस का रिसाव हो रहा होगा और इसी की चपेट में आकर चारों की मौत हो गई होगी। फिलहाल पुलिस व एक्सपर्ट मामले की जांच में जुटे हैं।