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अंबिकापुर

नींद में थीं नर्सिंग की छात्राएं और पहाड़ की दीवार से जा टकराई तेज रफ्तार बस, मच गई चीख-पुकार, 41 घायल

Bus accident: मैनपाट महोत्सव से देर रात नर्सिंग छात्राओं को लेकर अंबिकापुर आ रही बस हुई हादसे का शिकार, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज में लापरवाही को लेकर हंगामा

अंबिकापुरMar 03, 2020 / 02:52 pm

rampravesh vishwakarma

नींद में थीं नर्सिंग की छात्राएं और पहाड़ की दीवार से जा टकराई तेज रफ्तार बस, मच गई चीख-पुकार, 41 घायल

Bus accident and injured nursing students

अंबिकापुर. मैनपाट महोत्सव के समापन कार्यक्रम से सोमवार की देर रात लौट रही तेज रफ्तार सीटी बस पहाड़ की दीवार से टकरा गई। बस में शासकीय नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं व निगम के कर्मचारी सहित कुल 41 लोग सवार थे। हादसे के दौरान सभी छात्राएं बस में सो रही थीं। हादसे में सभी घायल हो गईं और बस भी क्षतिग्रस्त हो गया। (Bus accident)
इस दौरान घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई। दुर्घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा सभी घायलों को दूसरे वाहन से इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया गया। इधर अस्पताल प्रबंधन ने भी हादसे की सूचना मिलते ही पूरी तैयारी कर ली थी और घायलों के आते ही उनका उपचार शुरू किया गया।
चार छात्राओं को मामूली चोट होने के कारण उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया। शेष 34 छात्राओं व 3 निगम कर्मचारियों का इलाज जारी है। इसमें एक गंभीर रूप से घायल छात्रा आईसीयू में भर्ती है। इधर नर्सिंग कॉलेज के कर्मचारी व उसके परिजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया।
नींद में थीं नर्सिंग की छात्राएं और पहाड़ की दीवार से जा टकराई तेज रफ्तार बस, मच गई चीख-पुकार, 41 घायल
जिला प्रशासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले कई वर्षों से तीन दिवसीय मैनपाट कार्निवाल का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को इसका समापन हुआ। कार्यक्रम में काफी संख्या में सरगुजा संभाग से लोग पहुंचे थे। इसी कड़ी में शासकीय नर्सिंग कॉलेज अंबिकापुर से भी 38 छात्राएं यहां पहुंची थीं।
समापन के बाद रात करीब 11 बजे सभी सिटी बस में सवार होकर अंबिकापुर लौट रही थीं। बस में छात्राओं के अलावा 3 निगम के कर्मचारी भी सवार थे। रात होने के कारण सभी छात्राएं नींद में थीं, इसी बीच मैनपाट के काली घाट मोड़ के पास तेज रफ्तार में होने के कारण बस पहाड़ की दीवार से जा टकराई। इससे वहां चीख-पुकार मच गई।
हादसे में बस में सवार 38 छात्राएं समेत 41 लोग घायल हो गए। दुर्घटना की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी घायलों को बस से उतारकर दूसरे वाहन से मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया। यहां 34 छात्राओं व 3 निगम कर्मचारियों का इलाज जारी है, जबकि 4 छात्राओं को प्राथमिक उपचार पश्चात छुट्टी दे दी गई। एक छात्रा को गंभीर चोट आने के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

निगम कमिश्नर, एसपी समेत अन्य पहुंचे अस्पताल
बस दुर्घटना में छात्राओं के घायल होने की खबर मिलते ही निगम आयुक्त हरेश मंडावी, एसपी आशुतोष सिंह, सीएसपी समेत अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी रात में ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों का हाल-चाल जाना तथा डॉक्टरों को समुचित इलाज के लिए कहा।
नींद में थीं नर्सिंग की छात्राएं और पहाड़ की दीवार से जा टकराई तेज रफ्तार बस, मच गई चीख-पुकार, 41 घायल
ये छात्राएं हुईं घायल
घायल छात्राओं में निकिता, मंजू केरकेट्टा, लवना एक्का, स्वाति, योगिता, सुशीला, सुषमा, मनीषा, कमला, प्रिया कुजूर, नम्रता एक्का, मंजू वर्मा, शुभपावनी, शिल्पा, सोनिया पैंकरा, अनुजा कुजूर, पुष्पलता भारती, तारा राजवाड़े, निशा गुप्ता, अंजलि, अन्नू, रीतिका, कमला, रामेश्वरी, प्रियंका, मिती कुजूर, बिंदी तिग्गा, अन्नू सिंह, सरस्वती, सुषमा वर्मा, चंदा सिंह, प्रीति पैंकरा, किरण मरावी, सविता एक्का के अलावा 3 निगमकर्मी शामिल हैं।

बस की जर्जर हालत व चालक की लापरवाही दुर्घटना का कारण
बताया जा रहा है कि सिटी बस का चालक मैनपाट से काफी तेज रफ्तार में बस ड्राइव करते आ रहा था। मैनपाट के रास्ते में काफी घुमावदार मोड़ होने के बाद भी उसने बस की रफ्तार में ज्यादा कमी नहीं दिखाई। ऐसे में बस चालक की लापरवाही से ही यह दुर्घटना होने की बात कही जा रही है। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि छात्राओं द्वारा मैनपाट महोत्सव में कोई प्रस्तुति नहीं दी गई थी, इसके बावजूद 2 दिन से उन्हें वहां ले जाया जा रहा था।
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इलाज में लापरवाही को लेकर हंगामा
मंगलवार की सुबह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती नर्सिंग कॉलेज के स्टाफ व उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। डॉक्टर जब इलाज करने पहुंचे तो परिजनों ने कहा कि दुर्घटना के 12 घंटे बीत जाने के बाद भी समुचित इलाज नहीं किया जा रहा है।
केवल भर्ती कर औपचारिकता पूरी कर दी गई है। इस दौरान हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि रात से ही घायलों का इलाज किया जा रहा है, इलाज में लापरवाही का आरोप गलत है।

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